उत्तराखंड के खेतों में अपने भाइयों संग प्रेक्टिस करने वाली अंकिता अब पेरिस ओलम्पिक में दिखेंगी. कभी गांव के खेतों में तो कभी पहाड़ की पतली सड़कों के किनारे-किनारे अंकिता के भाई सेना की तैयारी के लिये दौड़ते. अपने भाइयों को देखकर ही अंकिता ने भी दौड़ना सीखा. इस समय कोई नहीं जानता था पहाड़ की यह बेटी अपनी तमाम मुश्किलों और अभावों को मात देकर एक दिन ओलम्पिक के लिये क्वालीफाई कर जायेगी.
(Ankita Dhyani Athlete Uttarakhand)
आठवीं कक्षा से दौड़ने का अभ्यास शुरू करने वाली उत्तराखंड की इस गोल्डन गर्ल एथलीट को दुनिया अंकिता ध्यानी के नाम से जानती है. अंकिता के पिता महिमानन्द खेती के जरिये परिवार का पालन पोषण करते हैं, इससे पहले वह प्राइवेट नौकरी किया करते थे. चार भाई-बहिनों के इस परिवार में अंकिता तीसरे नंबर पर हैं. परिवार की स्थिति जाहिर करती है कि अंकिता की माता लक्ष्मी देवी ने अपनी बेटी के हौसले बुलंद रखने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी. वर्तमान में अपने परिवार का आर्थिक सहारा बनी अंकिता महज 22 वर्ष की हैं.
पौड़ी जिले के जयहरिखाल ब्लॉक में एक छोटा सा गांव है मेरुड़ा. इसी गांव से अंकिता के एथलेटिक्स करियर की शुरूआत होती है. अंकिता अपने गांव के सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को पाना पहला प्रशिक्षक मानती हैं.
(Ankita Dhyani Athlete Uttarakhand)
प्रोफेसनल तौर पर अंकिता ध्यानी ने 2016-2017 में एथलेटिक्स में पहला मजबूत कदम रखा और एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से तेलंगाना में आयोजित तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया. इसी वर्ष यूथ फेडरेशन की ओर से बड़ोदरा में आयोजित तीन हजार मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता. इससे पहले अंकिता कक्षा आठ में पहली बार 2013-14 में रांची में संपन्न हुए स्कूल गेम्स में प्रतिभाग कर चुकी थी.
अंकिता की प्रतिभा को देखते हुए मध्य रेलवे मुंबई ने विभागीय सेवा में लिया. मध्य रेलवे में ज्वाइनिंग के बाद अंकिता ने 87-वीं आल इंडिया इंटर रेलवे एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2022 में प्रतिभाग किया और दस हजार मीटर दौड़ में स्वर्ण, 1500 मीटर दौड़ में रजत और मिक्स रिले रेस में कांस्य पद जीता. अब तक अंकिता 16 गोल्ड, 7 सिल्वर और ब्रांज मैडल हासिल कर चुकी हैं. वर्तमान में बंगलोर में इन्डियन कैंप में ट्रेनिंग ले रही अंकिता इससे कुछ माह पहले ट्रेनिंग के लिए अमेरिका भी गयी थी.
(Ankita Dhyani Athlete Uttarakhand)
अंकिता ओलम्पिक में जाने वाली उत्तराखंड की पहली महिला एथलीट हैं. आज अंकिता ध्यानी देश भर के करोड़ों युवाओं के लिये एक प्रेरणा हैं.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…