बगुवावासा: रूपकुंड यात्रा का एक पड़ाव जहां से आगे पानी बहना भूल जाता है

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आज बगुवावासा में पड़ाव था. रूपकुंड की तलहटी पर ठंडा पड़ाव है बगुवावासा. अविनखरक से सात किलोमीटर पर है पाथर…

दो सौ वर्षों के इतिहास को समेटे एक पुस्तक ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’

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जिस राष्ट्र में यह कहा जाता हो कि “तीन कोस पर पानी बदले, नौ कोस पर बोली”, जहाँ हर प्रकार…

यारसा गुम्बा : उत्तराखंड के बुग्यालों में मिलने वाली सोने से ज्यादा कीमती जड़ी

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यारसा गुम्बा, यारसा गम्बू या कीड़ा जड़ी के नाम से जानी जाने वाली इस हिमालयी जड़ी-बूटी की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार…

भिटौली से जुड़े कुमाऊनी लोकगीत

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कुमाऊँ में प्रथा है कि चैत महिने में कन्या का भाई उसके लिए भेंट लेकर जाता है, जिसमें अपनी सामर्थ्य…

यह कविता तुम्हें हारने नहीं देगी

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विलियम अर्नेस्ट हेनली की कविता इन्विक्टस (Invictus) के बारे में कहते हैं कि यह वह कविता है, जिसने 27 बरस…

दानै बाछरै कि दंतपाटी नि गणेंदन्: मातृभाषा दिवस विशेष

3 years ago

ऊंकू बामण बिर्तिकु काम छाई. कौ-कारज, ब्यौ-बरात, तिरैं-सराद मा खूब दान मिल्दु छाई. बामण भारि लद्दु-गद्दु बोकिक घौर लौटद छा.…

आई भगवान ज्यूनै छन: मातृभाषा दिवस विशेष

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पैली जमान में धार्मिक विश्वास आदिमूं लिजी भौत ठुल सहार हुंछी. जब लै कोई प्राकृतिक आपदा उनूंकैं दुखी और परेशान…

पुन्यों सी उजली देबुली और नरिया के जीवन की एक झलक

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छिलुके की रोशनी में चौथर का कोना कोना खिल उठा था. कई महीनों बाद दो दिन पहले ही चौथर लिपा…

आज है कैप्टन धूम सिंह चौहान की 135वीं जयंती

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गढ़वाल राइफल्स की स्थापना 5 मई 1887 को अल्मोड़ा में हुई थी. इसी दिन पहली बटालियन रेज़ की गयी. प्रथम…

बोलने वाला शायर बनने का मंतर

3 years ago

“क्या हुआ चचा जान? बड़े बेउम्मीद-बेसहारा से दिख रहे हो!”(Shayar Satire by Priy Abhishek) “यार, शेर लिख-लिख कर मर गया;…