कुमाऊं का सबसे समृद्ध कौतिक था ‘ठुल थल’

3 years ago

कुमाऊं में लगने वाले मेलों में थल का मेला सबसे महत्वपूर्ण मेलों में शामिल रहा है जो धार्मिक और व्यापारिक…

बुढ़िया के घर में नौसिखिया लड़का- लोककथा

3 years ago

एक बार एक बुढ़िया ने जातर ठीक करने के लिये कुंवर सिंह नाम के व्यक्ति को बुलावा भेजा. कुंवर सिंह…

सुल्ताना डाकू और कल्लू धोबी का गधा

3 years ago

सुल्ताना डाकू अमावस की रात डाका डालने आने वाला था. उसने चिठ्ठी लिखकर बताया था कि डाके के दौरान औरतों-बच्चों…

पंचलैट: फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी

3 years ago

पिछले पन्द्रह दिनों से दंड-जुरमाने के पैसे जमा करके महतो टोली के पंचों ने पेट्रोमेक्स ख़रीदा है इस बार, रामनवमी…

‘धूर्त सिपाही’ कुमाऊनी लोककथा

3 years ago

आहा तो हुआ जेठ के महीने की चटक धूप लगी हुई थी. सफ़र में निकला एक सिपाही भूखा और प्यासा…

1935 में जब टिहरी में पहला रेडियो आया

3 years ago

बात 1935 की है, रियासत टिहरी पर महाराजा नरेन्द्रशाह का शासन था. रियासत भर में महाराजा के पास ही एकमात्र…

पहाड़ की सड़कों में विस्फोटक पर रोक

3 years ago

बरसों से पहाड़ में सड़क बनाने में रास्ते में आती चट्टानों की बाधा को दूर करने के लिए डायनामाइट का…

नशा : मुंशी प्रेमचंद की कहानी

3 years ago

ईश्वरी एक बड़े ज़मींदार का लड़का था और मैं एक ग़रीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई…

हल्द्वानी के सिनेमाघरों का इतिहास

3 years ago

नगर से महानगर हो चुके हल्द्वानी ने अपने आसपास के गांवों को भी अपने में सम्मिलित कर लिया है. मुखानी…

दीपचन्द शाह की बारात: उत्तराखंड का सबसे ऐतिहासिक विवाह

3 years ago

दलितों की बारात पहाड़ में पहले बिना डोला-पालकी की चलती थी और दूर से ही पहचानी जाती थी. किन्तु टिहरी-गढ़वाल…