सपनों से दिखने वाले हिमालय के बीच बसे गावों में हर समय सपने पलते हैं. सपनों में कोई फौजी है कोई मास्टर है तो कोई डॉक्टर है. पहाड़ में पला बड़ा कौन ऐसा होगा जिसके मन में कभी डॉक्टर बन सबके दुःख दूर करने की बात न आई होगी. परियों का देश दिखने वाला पहाड़ जीवंत सपनों की पोटली है. चांदनी एंटरप्राइजेज के यूट्यूब चैनल में आया गीत ‘आस’ इसी पोटली का एक जीवंत सपना है जिसे न जाने कितने पहाड़ियों ने जिया है.
(Aas Anthem of Hope)
चांदनी एंटरप्राइजेज के प्रोड्यूसर नरेंद्र टोलिया को लोगों ने जमीन से उठते देखा है. संगीत को लेकर उनके संघर्ष पर आज भी मुंहजबानी खूब कहानियां कही जाती हैं. पिछले कुछ समय में जब भी उनको मौका मिला है उन्होंने नई पीढ़ी के साथ खूब बढ़-चढ़कर काम किया है. ‘आस’ उनके इस विश्वास का भी एक गीत है.
पहाड़ में रहने वाले एक पिता-पुत्री के जीवन पर बने इस गीत के बोल लवराज टोलिया ने लिखे हैं. इन दिनों हिन्दी सिनेमा जगत में लवराज के शब्दों का जादू खूब चल रहा है. सलमान खान प्रोड्क्शन जैसा बड़ा नाम हो या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लवराज के बोल सभी जगह खूब सराहे जा रहे हैं. पर जैसा की लवराज बार-बार कहते हैं दिल तो पहाड़ में बसता है. पिछले कुछ समय में लवराज द्वारा अपनी दूधबोली में लिखा यह तीसरा गीत है जो दिखाता है कि पहाड़ लवराज के दिल के कितना करीब है.
(Aas Anthem of Hope)
‘आस’ से पहले ‘घाम-पानी’ गीत को भी लोगों ने खूब सराहा था. लवराज के गीत लम्बे समय तक प्ले-लिस्ट में रहने वाले गीत हैं. आस का संगीत पांडवाज ने दिया. पांडवाज अपने स्तरीय संगीत के लिये देशभर में लोकप्रिय है. यह हमेशा से सभी के लिये आश्चर्य का विषय रहा है कि किस तरह पहाड़ के एक छोटे से कस्बे से इस किस्म का स्तरीय संगीत दिया जा रहा है. एक ख़ास किस्म की मिठास वाले उनके गीतों की श्रृंखला में ‘आस’ एक नया नगीना है जिसे लम्बे समय तक लोग अपनी प्लेलिस्ट में रखेंगे.
रुचि जंगपांगी और दीपक नैथानी की आवाज में रिकार्ड इस गीत का वीडियो को मुनस्यारी में ही शूट किया गया है. वीडियो में जितना सुंदर हिमालयी परिवेश दिख रहा है उस पर नवल निखूर्पा की बनाई धुन में रुचि और दीपक की आवाज सुनकर लगता है मानो सदियों पुरानी कोई दिल की मुराद पूरी हो गयी हो.
(Aas Anthem of Hope)
वीडियो में हिमालयी परिवेश को मात्र एक कैनवास की तरह उपयोग में न लाकर लवराज का निर्देशन एक सुखद अनुभूति देता है. प्रिय अधिकारी और लक्ष्मण सिंह पांगती की बात किये बिना यह गीत अधूरा है. रीजनल गीतों में कलाकारों की तड़क-भड़क कलाकारों की अदायगी को खा जाती है. एक शानदार सपने को जब कैमरे पर उतारा जा रहा तो कलाकारों से उम्मीद और बड़ जाती है वीडियो में दोनों का काम इस सपने को दर्शकों के हृदय में गहराई तक ले जाता है. प्यारी बाल कलाकार आराध्या यहां सबका दिल मोह लेती हैं.
चांदनी एंटरप्राइजेज की पूरी टीम को गीत के लिये काफल ट्री टीम की ओर से अनेक शुभकामनाएं.
(Aas Anthem of Hope)
घाम-पानी की युवा टीम से एक्सक्लूसिव बातचीत
Support Kafal Tree
.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…