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जराविज्ञान और बुजर्गों की औषधि पर चौथा अंतर्राष्‍ट्रीय कांग्रेस

जराविज्ञान एवं बुजुर्गों की औषधि पर चौथे अंतर्राष्‍ट्रीय कांग्रेस का उद्घाटन नई दिल्‍ली में किया गया. इसका आयोजन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान-एम्‍स, नई दिल्‍ली में एशिया प्रशांत बुजुर्ग औषधि नेटवर्क सम्‍मेलन के साथ किया जा रहा है. इस सम्‍मेलन का उद्देश्‍य दुनिया भर में बुजुर्गों की देखभाल करने में और सुधार लाना है. ‘बुजुर्गों के इलाज का भविष्‍य-क्‍या आप तैयार हैं?’ विषय के साथ इस कांग्रेस का उद्देश्‍य स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं से जुड़े पेशेवरों को संवेदनशील बनाना है. स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हाल के दिनों में हुई प्रगति को ध्‍यान में रखते हुए डायबिटिज, इच्‍छा मृत्‍यु, बुजुर्गों के साथ दुर्व्‍यवहार और बुजुर्ग रोगियों की देखभाल जैसे जैव जराविज्ञान और सामाजिक एवं नैदानिक जरा चिकित्‍सा जैसे विषयों पर बातचीत चल रही है.

कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लो‍क शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने किया.

इस अवसर पर एम्‍स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, पावर ग्रिड के चेयरमैन श्री आई. एस. झा, पंडित बी. डी. शर्मा विश्‍वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. ओ. पी. कालरा, पेंशन एवं पेंशनधारक कल्‍याण विभाग में संयुक्‍त सचिव श्री एस. एन. माथुर और अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी मौजूद थे.

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि पहले संक्रामक बीमारियों के फैलने की चुनौतियां हुआ करती थी, जबकि आज गैर-संक्रामक बीमारियों के तेजी के साथ हर उम्र के लोगों में फैलने की नई चुनौती आ रही है.

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Girish Lohani

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