उत्तराखंड में हिंदी उर्दू पत्रकारिता सन 1868 में ‘समय विनोद’ से प्रारंभ हुई. पूरे हिमालयी क्षेत्र से देशी भाषा में छपने वाला यह पहला पत्र था. इसके छः सात वर्षों बाद ‘अल्मोड़ा अख़बार’ इसका साथी बना. 1st Hindi Newspaper in Uttarakhand
नैनीताल से प्रकाशित होने वाले इस पत्र के सम्पादक और स्वामी जयदत्त जोशी थे. जयदत्त जोशी स्वयं पेशे वकील थे. यह पत्र पाक्षिक था और नैनीताल प्रेस से छपता था.
1868 के साल में पत्र के 17 भारतीय, 15 यूरोपीय समेत कुल 32 ग्राहक थे. अगले ही वर्ष समय विनोद के ग्राहकों की संख्या 68 हो गयी थी जिसमें 30 प्रतियाँ सरकार के पास जाती थी. अख़बार के 27 यूरोपीय और 11 भारतीय ग्राहक थे. समय विनोद की छपने वाली प्रतियाँ 1870 में बढ़कर 255 हो गयी थी. इस समय उत्तर पश्चिमी प्रांत से कुल 19 पत्र निकलते थे.
अंग्रेजी राज में बढती चोरी-डकैती की घटनाओं पर समय विनोद ने 1 फरवरी 1874 के अपने अंक में लिखा कि जब देश अव्यवस्था और भ्रम के दौर में था तब भी ऐसी घटनाए नहीं होती थी.
इस तरह उत्तराखंड क्षेत्र का पहला देशी अख़बार समय विनोद ही है जो हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में छपता था. इस पत्र के मूल अंक अब मिलना असंभव ही है और उसका मिलना एक उपलब्धि ही होगा.
समय विनोद 1871 तक उत्तराखंड क्षेत्र का अकेला हिंदी अख़बार रहा. सन 1878 में समय विनोद का प्रकाशन बंद हो गया था. संभवतः इसके बंद होने का कारण लार्ड लिटन द्वारा पारित वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट रहा हो सकता है.
उत्तराखंड क्षेत्र से निकलने वाला पहला अख़बार ‘द हिल्स’ है. यह अख़बार मसूरी से निकलता था इस अख़बार को मसूरी ने निकालने वाले व्यक्ति जॉन मैकिनन थे. 1838 में देश के प्रख्यात समाचार पत्र ‘टाइम्स ऑफ़ इण्डिया’ के प्रकाशन के तुरंत बाद मसूरी से द हिल्स (1842) निकला.
शक्ति प्रसाद सकलानी की किताब उत्तराखंड में पत्रकारिता का इतिहास के आधार पर
उत्तराखंड के सबसे महत्वपूर्ण लेखकों में शक्ति प्रसाद सकलानी का जन्म 4 जून 1936 को टिहरी गढ़वाल जिले के भैंसकोटी गांव में हुआ. इतिहास, संस्कृति, पत्रकारिता आदि विषयों पर उनकी 18 शोधपूर्ण पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.
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