हमारे यहां सड़क पर बाएं ही क्यों चलते हैं?

दिन में तारे कहाँ जाते हैं? रात को सूरज कहाँ जाता है? पुलिस खाकी वर्दी क्यों पहनती है? साबुन में झाग क्यों बनता है? पत्ते हरे क्यों होते हैं? बादल में पानी कौन भरता है? आदि बाल जिज्ञासा से जुड़े कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका उत्तर हमारे समाज में चिरकालीन सभ्यता अनुसार कान के नीचे धर के दिया जाता रहा है. ऐसी ही बाल जिज्ञासा से जुड़ा एक सवाल है कि हम सड़क पर बाएं ही क्यों चलते हैं?

आज के समय में विश्व के 65% देशों में सड़क के दाहिने चलने का चलन है लेकिन भारत में सड़क के बाएं चलने का. एक समय ऐसा भी था जब विश्व के लगभग सभी देशों में सड़क के बाएं ओर ही चला जाता था.

दरसल पुराने ज़माने में बाएं हाथ से कार्य करने वाले आदमी को न केवल अकुशल माना जाता था बल्कि अशुभ भी माना जाता था. इसके कारण से अधिकांश लोग काम करने के लिए दाहिने हाथ का प्रयोग करते थे. सड़क पर चलते हुए डाकू, लुटेरों के आक्रमण का खतरा रहता था जिस कारण आदमी अपने दाहिने हाथ में हथियार रखता था और किसी भी आक्रमण से बचने के लिए तेजी से बचाव के लिये सड़क के दाहिने ओर ही चलता भी था. इसके साक्ष्य रोमन इतिहास में रोमन सेना के दौरान भी मिलते हैं.

आम लोगों में सड़क के नियम के तौर पर इसे तेरहवीं शताब्दी में लागू किया गया जब पोप बोनिफस-8 ने रोम के श्रद्धालुओं को बाएं चलने के लिए कहा. पूरी दुनिया में यही नियम सत्रहवीं शताब्दी तक चलता रहा.

सत्रहवीं शताब्दी में वैश्विक स्तर पर औद्योगीकरण बढ़ा और अमेरिका में भारी सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए बड़ी गाड़ियों का प्रयोग किया जाने लगा. इन गाड़ियों को खीचने के लिए कई सारे घोड़ों के जोड़े प्रयोग में लाये जाते थे. इस गाड़ी को नियंत्रित करने के लिए चालक बाएं तरफ के घोड़े पर बैठता था ताकि दांये हाथ से आसानी से चाबूक चलाकर घोड़ों को नियंत्रित कर सके.

सबसे बाएं घोड़े पर बैठकर सड़क के बाएं ओर चलते हुए पीछे से या आगे से आने आली गाड़ियों पर नजर रखना कठिन था. इसके कारण ही अमेरिकी लोगों को सड़क पर बायीं ओर चलने के नियम में बदलाव करना पड़ा और अमेरिकी सड़क पर दायीं ओर चलने के नियम का अनुसरण करने लगे. 1792 में सर्वप्रथम अमेरिका के पेन्सिल्वेनिया प्रान्त में सड़क पर दायीं ओर चलने के नियम को लागू किया गया और 18वीं शताब्दी के अंत तक यह नियम पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में अनुसरण किया जाने लगा.

यूरोपीय देशों में सर्वप्रथम फ्रांस ने इसे अपनाया. कुछ लोगों का मानना था कि फ्रांसीसी क्रांतिकारी पोप के आदेश का पालन नहीं करते थे अतः उन्होंने बाएं ओर चलना बंद कर दिया. कुछ अन्य लोगों का मानना है कि सड़क पर दाएं ओर चलने का नियम नेपोलियन से सबसे पहले फ़्रांस और फिर अपने सभी जीते हुए देशों में लागू कराया.

इंग्लैंड में कभी अमेरिका की तरह बड़ी घोड़ा गाड़ियों का प्रयोग नहीं किया गया न ही वहाँ कभी फ्रांस का उपनिवेश बना अतः वहां कभी भी सड़क के दाएं ओर चलने का नियम नहीं बनाया गया. 1756 में सड़क के बाएं ओर चलने को आधिकारिक कानून बना कर संपूर्ण ब्रिटिश शासित देशों में लागू किया गया. भारत इंग्लैंड का एक उपनिवेश था अतः भारत में भी सड़क के बाएँ ओर चलने का नियम बनाया गया.

वर्त्तमान में 163 देशों में सड़क के दाएं ओर चला जाता है वहीँ 76 देशों में सड़क के बाएँ ओर चला जाता है. ब्रिटेन, आयरलैंड, माल्टा और साइप्रस को छोड़कर सभी यूरोपीय देशों में सड़क पर दायीं ओर चलने के नियम लागू हैं. चीन में सड़क पर दायीं ओर चलने के नियम का अनुसरण किया जाता है, लेकिन चीन के आधिपत्य वाले हांगकांग और मकाऊ में सड़क पर बायीं ओर चलने के नियम का अनुसरण किया जाता है.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

5 days ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

6 days ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

1 week ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

2 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago