Featured

भगवती के शीतला स्वरूप को समर्पित पिथौरागढ़ का मां वरदानी मंदिर

पिथौरागढ़ मुख्य शहर से 3 किमी की दूरी पर स्थित है मां भगवती का वरदानी देवी मंदिर. चंडाक जाने वाली सड़क पर मुख्य सड़क से लगभग 75 मीटर नीचे की ओर मां भगवती का यह सुंदर मंदिर स्थित है. यहां से मोष्टामानू देवता का मंदिर भी तीन किमी की दूरी पर स्थित है.

यह मंदिर भगवती के शीतला स्वरूप को समर्पित है. इस मंदिर के संबंध में कुछ मान्यता प्रचलित हैं. एक मान्यता के अनुसार बहुत समय पहले बजेटी गांव की एक महिला यहां घास काटने गयी थी. एक बार उसे यहां माता की सवारी शेर के दर्शन हुए.

शेर ने महिला को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पंहुचाई और कुछ देर में गायब भी हो गया. ग्रामीणों ने इसे माता का आर्शीवाद समझा और माता के मंदिर की स्थापना की.

एक अन्य मान्यता अनुसार एक दम्पति को माता का स्वप्न हुआ और उसी के बाद उन्होंने मंदिर की स्थापना की. दोनों ही मान्यताओं में मंदिर की नीव रखने वाले दंपत्ति का नाम राजेन्द्र थापा और भगवती थापा कहा गया है.

इस मंदिर के वर्तमान स्वरुप का निर्माण ग्रामवासियों ने मिलकर किया है. इस मंदिर में पहली बार 1979 को माता की डोली यात्रा शुरु की गयी थी. बैसाख माह की पहली एकादशी के दिन पुरे गांव में मां वरदानी की डोली यात्रा निकलती है. इस दिन वरदानी देवी के प्रांगण में मेला भी आयोजित होता है.

मां भगवती के डोले को मंदिर के चारों और घुमायाज जाता है. इस दिन डोले के नीचे से गुजरने पर यह मान्यता है कि इस समय मांगी हुई मनोकामना पूर्ण होती हैं.

मंदिर में भगवती माता की सुंदर मूर्ति स्थापित की गयी है. मंदिर के मुख्य द्वार पर दो शेर और मंदिर के छत पर आठ शेरों की भव्य मूर्तियां बनाई गयी हैं. बजेटी गांव में प्रतिवर्ष होने वाली हिलजात्रा का आयोजन मां के आशीर्वाद से ही प्रारंभ होता है. इस मंदिर से पिथौरागढ़ शहर का लगभग आधा हिस्सा दिखता है.

मंदिर की सभी तस्वीरें हमारे साथी नरेंद्र सिंह परिहार ने ली हैं :

 

मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले नरेन्द्र सिंह परिहार वर्तमान में जी. बी. पन्त नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन एनवायरमेंट एंड सस्टेनबल डेवलपमेंट में रिसर्चर हैं.

वाट्सएप में काफल ट्री की पोस्ट पाने के लिये यहाँ क्लिक करें. वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago