उत्तराखंड सरकार ने करीब एक साल तक संबंधित जिलों की भौगोलिक परिस्थितियों, वातावरण और मौसम आदि को देखते हुए 13 स्थानों पर थीम आधारित पर्यटन स्थलों का चयन किया गया. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तत्काल बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत की ‘13 जिले 13 नए डेस्टिनेशन’ की थीम तय की थी. इस मुहीम को अमली जामा पहनाए जाने की दिशा में कवायद भी तेजी से शुरू हो गई है. उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने की दिशा में शुरू हुई पहल रंग लाने जा रही है.
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) द्वारा चुने गए स्थानों में अल्मोड़ा में सूर्य मंदिर, नैनीताल के मुक्तेश्वर में हिमालय दर्शन, सतपुली में नौकायन और पर्यटन और पौढ़ी जिले के खैरासैन, हरिद्वार में 52 शक्तिपीठ, मोरी, हर, उत्तरकाशी में की डॉन जाखोली सर्किट, चिर्बितिया में प्रकृति पर्यटन रुद्रप्रयाग, अमेरिकी नगर में द्रोणा सागर में पानी के खेल और ट्रेकिंग, चंपावत में पाटी-देवधुरा में पर्यटन, टिहरी झील, गैरसैंण, पौड़ी में खिर्सू और कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा में कसार देवी, पिथौरागढ़ में मुनस्यारी, ऊधमसिंह नगर में पराग फॉर्म को नए डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किया जाएगा.
मुक्तेश्वर एवं मुनस्यारी/चौकोड़ी को लेजर टूरिज्म, गैरसैंण/औली-गौरसों को विंटर स्पोर्ट्स, नॉलेज टाउन, चकराता को महाभारत सर्किट-हेरिटेज टूरिज्म, कौसानी को टी-टूरिज्म, लोहाघाट को हिल स्टेशन, चिन्यालीसौड़ को मल्टीपरपज, चौपता को टैंटेड, इको टूरिज्म, कसार देवी/कटारमल मेडिटेशन आदि डेस्टिनेशन’ की थीम कर प्रदेश में पर्यटन को बड़े स्तर पर स्थापित करने की कोशिश हो रही हैं.
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) के अफसरों का कहना है कि 13 जिलों में से प्रत्येक में कम से कम एक विषय आधारित पर्यटन स्थल विकसित करना है, ताकि पर्यटक उस गंतव्य पर जा सकें और राज्य का पूरा अनुभव प्राप्त कर सकें. इनमें से कुछ स्थानों को पहले ही पर्यटकों की अच्छी संख्या है, लेकिन अब विभाग पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने के लिए धन का उपयोग करेगा.
इसके लिए पहले चरण में जिला मजिस्ट्रेट को 50 लाख रुपये दिए गए. पहले चरण के लिए कुल 6.5 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. अफसरों का कहना हैं कि सलाहकारों की मदद से यह पता चल सकेगा कि इन स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और क्या किया जा सकता है, और यदि अधिक धन की आवश्यकता है, तो सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
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