पिछले लम्बे अरसे से उत्तराखंड में जगह-जगह पर नया भू-कानून लाने को लेकर प्रदर्शन किये जा रहे हैं. भू-कानून की मांग को लेकर किये जा रहे इन प्रदर्शनों की ख़ास बात यह है कि इसबार यह मांग राज्य के युवाओं द्वारा पूरजोर तरीके से की जा रही है.
(Uttarakhand CM on Land Reform Law)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की युवाओं में पकड़ के चलते यह उम्मीद की जा रही थी कि युवाओं द्वारा की जा रही नये भू-कानून की मांग पर कोई न कोई फैसला जरुर लिया जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लगातार नये भू-कानून की मांग ख़ारिज किये जाने के बावजूद युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं की बात पर पहली बार खुले रूप से सकारात्मक पहल की है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक फेसबुक पोस्ट की है. अपनी फेसबुक पोस्ट में मुख्यमंत्री कहा कि
प्रदेश में भू-क़ानून को लेकर कई तरह की आशंकाएँ व्यक्त की गयी हैं, कई प्रदेशवासी इस मामले को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं. मैं उन सभी को ये बताना चाहता हूँ कि आपकी आवाज़ अनसुनी नहीं हो रही है. हमारी सरकार आम जनता की सरकार है और आपकी हर बात हम तक पहुँचती है. मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि इस मामले में समग्र रूप से विचार के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा जो उत्तराखण्ड की भूमि के संरक्षण के साथ-साथ प्रदेश में रोज़गार-निवेश इत्यादि सभी पहलुओं को ध्यान में रखेगी.
(Uttarakhand CM on Land Reform Law)
इस पोस्ट के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार आने वाले विधानसभा सत्र में भू-कानून से जुड़ी कोई न कोई पहल जरुर करेगी. हालांकि नये भू-कानून की मांग कर रहे उत्तराखंडवासियों का साफ़ कहना है कि किसी भी प्रकार की समिति की घोषणा के बजाय सरकार नया भू-कानून लाये और उनका प्रदर्शन नया भू-कानून लागू किये जाने तक चलेगा.
(Uttarakhand CM on Land Reform Law)
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