उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एकबार फिर चर्चा में हैं. बीते दिन उन्होंने अपने फेसबुक पर फ्रीज के साथ खड़े के डॉक्टर की तस्वीर पोस्ट की थी जिसके साथ उन्होंने लिखा :
(Trivendra Singh Rawat)
आज कोरोनेशन अस्पताल में अधिकारियों ने वहाँ पर कोविड सम्बंधित दवाईयाँ वह इंजेक्शन रखने के लिए फ्रिज की आवश्यकता बतायी जिसके पश्चात् तत्काल वहाँ फ्रिज भेंट किया. बहुत जल्दी थी इसलिए घर का ही भिजवा दिया. मैं, आशा करता हूँ की इससे हमारे देवतुल्य चिकित्सकों को इलाज करने में सुविधा होगी. कोरोना के इस संकटकाल में हम सभी अपना धैर्य बनाए रखें. भगवान बदरीविशाल व बाबा केदार हमें इस कठिन समय से बाहर निकालें तथा हमें शक्ति प्रदान करें ऐसी प्रार्थना करता हूं.
पूर्व मुख्यमंत्री की इस पोस्ट पर कई लोग भड़क गये. लोगों ने उनकी फेसबुक वाल पर तरह तरह के सवाल उठाये. एक यूजर ने लिखा :
पिछली सरकार में स्वयं मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग देख रहे थे और ये पिछले साल से सुरु हुआ था।इस से ज्यादा शर्मनाक किस होगा की फ्रिज नहीं है और सेंटर है. एक साल में नई भर्तियां और अच्छा खासा इंफ्राट्रुक्टर विकसित किया जा सकता था. लेकिन ऐसा हुआ नही संक्रमण थोड़ा कम हुआ तो कुम्भकर्णी नींद में सो गए. कम से कम 3 मंत्रियों की पोस्ट खली थी. फुल टाइम स्वास्थ्य मंत्री ही बना देते. आज जो आपने किया वो वाह वाही वाला कार्य नहीं है. ये शर्मनाक है कि अस्पतालों की ऐसी हालत हैं. आम जनता से किसी को कोई सरोकार नहीं है.अगर 22 में चुनाव न होते तो आप ये तक न करते.
(Trivendra Singh Rawat)
पूर्व मुख्यमंत्री की पोस्ट पर ही कुछ लोगों ने उसी रंग के तीन टांग वाले एक फ्रीज की तस्वीर यह भी पोस्ट कर दी. इस तस्वीर में पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा दान किये गये फ्रीज के एक पैर की जगह ईट लगी है. हालांकि ऐसे यूजर भी हैं जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री की यह दानवीरता बहुत भायी है. एक यूजर ने लिखा :
मानवता से बढ़कर कुछ भी नहीं, आपमें सदैव ही मानवता कूट-कूट कर भरी हुई थी, है और हमेशा रहेगी. जय त्रिवेन्द्र
बहरहाल पूर्व मुख्यमंत्री के इस फ्रीज दान पर राज्यभर में राजनीति भी तेज हो गयी है.
(Trivendra Singh Rawat)
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…
हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष की…
उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…
देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…
किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…
गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…