हैडलाइन्स

सड़क दुर्घटना में घायल दरोगा माया बिष्ट की उपचार के दौरान दुखद मृत्यु

4 दिन पहले ज्योलीकोट के पास बीरभट्टी के पार्वती प्रेमा जगाती स्कूल के समीप हुई सड़क दुर्घटना में घायल एसआई  माया बिष्ट की आज दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गयी है. बताया जा रहा है कि एसआई माया की तबीयत कल रात से ही ज्यादा बिगड़ना शुरू हो गयी थी. माया बिष्ट लालकुआं थाने में महिला दरोगा के पद पर तैनात थीं. इस दुखद हादसे में 2 पुलिसकर्मियों की पहले ही मृत्यु हो चुकी है.

इस दुर्घटना के बाद पुलिसकर्मी और स्थानीय नागरिक घायल पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य लाभ की कामना कर रहे थे. ईमानदार, सजग और कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी के रूप में लोकप्रिय माया बिष्ट की मृत्यु से सारा पुलिस महकमा सकते में है. पुलिसकर्मी व स्थानीय लोगों के बीच शोक की लहर दौड़ गयी है.

लालकुआं में ही रहने वाली माया बिष्ट के पति सुरेश बिष्ट ई. एस. आई. हॉस्पिटल में कार्यरत हैं. इन दोनों की एक प्यारी बेटी भी है. माया बिष्ट कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी होने के साथ-साथ एक जिम्मेदार बहू और मां भी थीं. वे अपने सहयोगियों के अलावा पड़ोसियों के साथ भी बहुत मधुर व्यवहार रखा करती थीं.

दिवंगत माया बिष्ट का अंतिम संस्कार चित्रशिला घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा.

काठगोदाम पुलिस की जीप वीरभट्टी में दुर्घटनाग्रस्त, दो पुलिसकर्मियों की मौत

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

2 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

4 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

4 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago