फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
भ्वींन को भ्वैन या भ्वैंनी भी कहते हैं. झोड़ा और चांचरी की तरह गाया जाने वाला यह समूह गीत वृत्ताकार घेरे में खड़े होकर गाया जाता है. विषयवस्तु और लय के आधार पर भ्वींन झोड़ों से बहुत अलग है. Traditional Kumaoni Geet Bhveenn
झोड़ा और चांचरी की अपेक्षा भ्वींन की लय धीमी होती है इसीकारण इसमें कदम भी धीरे पढ़ते हैं. भ्वींन प्रबंधात्मक होते हैं जिनमें स्थानीय देवी-देवताओं, ऐतिहासिक या धार्मिक-पौराणिक पुरुषों की गाथा गायी जाती है.
भ्वींन नवरात्रियों या बैसियों में मंदिर परिसर में रात्रि में ही गाये जाते हैं. सामन्यतः भ्वींन गायन में केवल पुरुष ही भाग लेते हैं परन्तु पिछले कुछ वर्षों में महिलायें भी इसमें भाग लेती देखी जा सकती हैं.
गाने में दो दल होते हैं. एक दल पहले गाता है फिर दूसरा उसे दोहराता है. गोलाकार घेरे के बीच में खड़ा एक व्यक्ति गीत के बोलों के आधार पर हुड़का बजाता है. Traditional Kumaoni Geet Bhveenn
भ्वींन में किसी भी प्रकार के प्रेमपरक एवं श्रृंगारिक गीतों को शामिल नहीं किया जाता है इसमें केवल धार्मिक और आध्यात्मिक गीत ही शामिल होते हैं. रामायण गाथा से संबन्धित एक भ्वींन गीत का आनन्द लीजिये :
ब्याला भरी नौंनी, प्याला भरी ह्यू.
अयोध्या का राजा छिया, दशीरथ ज्यू.
क्वाड़ा खोड़ी भद्याली, भद्याली लागौ खै.
छन राजा तीन रानी, तिसंतानी भै.
गाड़ा फुलो मलेसिया, भिड़ फुली जै.
सुनुकि नथुली रै, सुनक पंवारा.
हैगी राजा दसरथ, चारै कुंवारा.
ब्याला भरी नौंनी, प्याला भरी ह्यू.
भरत शत्रुघन, राम लछी ज्यू.
यह लेख श्री नंदा स्मारिका 2009 में कुमाऊंनी मासिक पत्रिका ‘पहरु’ के सम्पादक डॉ. हयात सिंह रावत द्वारा लिखे लेख के आधार पर तैयार किया गया है.
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…
अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…
हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…
आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…
बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…
आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…
View Comments
Bahut bahut dhanywad