एक गांव में एक बहुत बूढ़ा अपने छोटे लड़के, बहू और अपनी औरत के साथ रहता था. उसके दो लड़के…
लोकगीतों से हमारा तात्पर्य लोक साहित्य के उन रूपों से है, जो प्रायः अलिखित रहकर जन-साधारण द्वारा निर्मित होते हुए…
गीता गैरोला लेकर आई हैं एक और गढ़वाली लोक कथा. लम्बी अनुपस्थिति फागुन बीत गया. सूरज की गर्मी ने अपनी…
शाम सामने वाले गदेरों को सुरमई बना रही थी. स्वीली घाम (शाम को ढलते सूरज की हल्की पीली रोशनी) दीवा…
छोटी दादी रंगत में थी बोली आओ रै छोरों आज तुम्हे ऐसे बामण की कथा लगाउंगी जो न्यूत के बुलाया…
पिछली कड़ी विवाहोपरान्त पुत्री की विदाई सर्वत्र करूण होती है. वह मां की दुलारी है, जिसने उसे पालपोस कर बड़ा…
लोकगीतों से हमारा तात्पर्य लोक साहित्य के उन रूपों से है, जो प्रायः अलिखित रहकर जन-साधारण द्वारा निर्मित होते हुए…
बर्फ पड़ने के बाद की सुरसुराहट अब कम होने लगी थी. डाँडी-काँठी में जमा ह्यूं सर्दीले घाम के मद्धिम ताप…
जिन दिनों खेतों में हल लगाने का काम होता घर के सब बड़े लोग बच्चों की तरफ ध्यान ही नहीं…