Tradition in Uttarakhand

आज होती सीमांत की अनोखी बिच्छू घास लगाने वाली बैशाखीआज होती सीमांत की अनोखी बिच्छू घास लगाने वाली बैशाखी

आज होती सीमांत की अनोखी बिच्छू घास लगाने वाली बैशाखी

ले गुड़ खा, साल भर सांप-कीड़े नहीं दिखेंगे कहकर सुबह ही ईजा देशान* में गुड़ दे दिया करती थी और…

5 years ago
भिटौली : भाई-बहिन के प्यार का प्रतीकभिटौली : भाई-बहिन के प्यार का प्रतीक

भिटौली : भाई-बहिन के प्यार का प्रतीक

उत्तराखंड में चैत्र माह में प्यूंली के पीले और बुरांश के लाल फूल खिल कर वसंत ऋतु के आगमन का…

5 years ago
बहुत कायदे बरतकर बनता है पहाड़ी रसोई का दिव्य दाल-भातबहुत कायदे बरतकर बनता है पहाड़ी रसोई का दिव्य दाल-भात

बहुत कायदे बरतकर बनता है पहाड़ी रसोई का दिव्य दाल-भात

दाल-भात-साग रोज ही खाये गए. पर किसके साथ क्या मेल बने इसके बहुत सारे संयोग बने. खास बात ये कि,…

5 years ago
कुमाऊं में अन्नप्राशन संस्कारकुमाऊं में अन्नप्राशन संस्कार

कुमाऊं में अन्नप्राशन संस्कार

अन्नप्राशन संस्कार बच्चे के दांत निकलने से पहले किया जाता है. कुमाऊं में इसे अनपासनि, पासणि भी कहा जाता है.…

6 years ago
भै भुको, मैं सिती : भिटौली से जुड़ी लोककथाभै भुको, मैं सिती : भिटौली से जुड़ी लोककथा

भै भुको, मैं सिती : भिटौली से जुड़ी लोककथा

उत्तराखण्ड में चैत (चैत्र) का महीना लग गया है. कुमाऊं में चैत के महीने में विवाहित बहनों व बेटियों को…

6 years ago