Satire by Priy Abhishek

वो जो फोल्डर तुम ढूंढ रहे हो मैंने डिलीट कर दिया है

हे सहकर्मी! हे कुलीग! तुम आखिर ऐसे क्यों हो? किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ से, ऑफिस में विकिरण फैलाते. अपनी चाल, आँखों…

5 years ago

बा-बा ब्लैक शीप में बा का मतलब

अपनी देशज भाषा, जिसे आप प्रतिदिन बोलते हैं, उसे जब किसी दूसरे को समझाते हैं तो एक दम भाषाविज्ञानी जैसी…

5 years ago

घर में अमनचैन के लिए संस्कारी दंपत्तिओं को शांतिपाठ का यह अनुष्ठान नित्य करना चाहिए

घर की सुख-शांति के लिये दंपत्ति प्रतिदिन विशेष शांतिपाठ करें. यह शांतिपाठ, सामान्य शांतिपाठ से भिन्न है. इस शांतिपाठ के…

6 years ago

खाँटी साहित्यकारों की साहित्यिक बातें

उनका फोन कई दिन से आ रहा था. औपचारिकतावश मैंने भी दो-तीन बार फोन कर लिया. हम दोनों ने एक…

6 years ago

लेखकों के सपने

मेरे द्वारा लिखे गये एक लेख के लिये सरकार मुझे गिरफ़्तार कर लेती है. मेरी गिरफ़्तारी से पूरे देश में…

6 years ago

व्यंग्य के लिये विषय की खोज

आज सुबह-2 फोन पर जो ख़बर मिली उसे सुन कर हम खुशी से फूले न समाये. फोन एक बहुत बड़े…

6 years ago

तूतू – मैंमैं

'आखिर हुआ क्या?' 'होना क्या था? वो हमें बाज़ार में मिले. हमे बहुत जाने-पहचाने से लगे.' 'फिर?' 'हम भी उन्हें…

6 years ago

व्यंग्य का जन्म किस प्रकार होता है?

कल एक मित्र का फोन आया. मित्र मुम्बई में हैं, और अभिनय के क्षेत्र में अपना नाम कमा रहे हैं.…

6 years ago

भाई साहब! मैं बाल कवि नहीं हूँ!

उसका वहां होना, जहां उसे नहीं होना चाहिये था, स्वयं में एक घटना थी. सभागृह- प्रेक्षागृह, वाचनालय- पुस्तकालय, विश्वविद्यालय-मदिरालय, ऐसे…

6 years ago

सरकारी विभागों में पावती, सिर्फ पावती नहीं है

उस कक्ष में पांच कर्मचारी उपस्थित थे- तीन पुरुष और दो महिलायें. सभी कुछ देर पहले ही अपने-अपने स्थानों पर…

6 years ago