Santosh Kumar Tiwari

ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां

हे राम! तुम्हारी धरती पर कोहराम मचा है. फिर किसी नगर, किसी शहर में मातृत्व से वंचिता स्त्री को अपनी…

4 years ago

उत्तराखंड के संदर्भ में नयी शिक्षा नीति 2020 : विजन और सुझाव

नयी शिक्षा नीति 2020 की प्राथमिकताएं और विजन की दृष्टि से पहली शिक्षा नीति (1968) जिसमें केवल 14 वर्ष आयुवर्ग…

4 years ago

जनाज़े पर मिरे लिख देना यारो मुहब्बत करने वाला जा रहा है : राहत इंदौरी साहब को श्रद्धांजलि

यह सुनकर एकबारगी यकीन नहीं हुआ कि मोहब्बत के शायर राहत इन्दौरी दुनिया से रुख़सत हो गये. तकरीबन आधी सदी…

4 years ago

भारतीय किसान गोदान के ‘होरी’ से आज कितने बेहतर हैं?

मुंशी प्रेमचंद जयंती (31 जुलाई) पर विशेष Remembering Munshi Prem Chand on his Anniversary वर्तमान परिदृश्य में यदि नीति- नियन्ताओं…

4 years ago

मेरी आवाज़ ही पहचान है, ग़र याद रहे: लता सुर-गाथा

भारतीय सिनेमा की प्रतिनिधि फिल्मों में से एक गाइड में वहीदा रहमान और देव आनंद पर फिल्माया गाना आज फिर…

5 years ago

सरलता जो सहजता में तरमीम होती है

संतोष कुमार तिवारी के काव्य संकलन ‘अपने-अपने दंडकारण्य’ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी (Review of Santosh Kumar Tiwari Book Amit Srivastava)…

5 years ago

महेश पुनेठा की किताब का रिव्यू – एक किताब जिसमें सब हाजिर नाज़िर हों

कवि, लेखक महेशचंद्र पुनेठा की यह किताब शिक्षा के अनेक अनसुलझे -अधूरे सवालों का मात्र दुहराव भर नहीं, जैसा आपने…

5 years ago