Sanjay Joshi

कुतर्की समय में कुछ तार्किक बातें

यह 2011 साल का सितम्बर महीना था जब जबलपुर से निकलने वाली प्रतिष्ठित हिंदी साहित्यिक पत्रिका ‘पहल’ ने दो दिन…

6 years ago

सिनेमा : एक सदी बाद भी बरकरार है रुपहले परदे का तिलिस्म

आखिरकार 1895 में पेरिस के लुमिये भाइयों द्वारा आविष्कृत सिनेमा का माध्यम मूलत दृश्यों और ध्वनियों के मेल का ऐसा…

6 years ago

सिनेमा : इश्क़ की कोई उम्र नहीं होती

2007 में इजरायल, अमरीका और फ्रांस के सहयोग से बनी कथा फ़िल्म बैन्ड्स विज़िट संगीत से उपजे प्रेम की एक…

6 years ago

सिनेमा : रोशनदान से दिखता घर का सपना

इटली में 1901 में पैदा हुए फिल्मकार वित्तोरियो डी सिका यथार्थवादी सिनेमा के उस्ताद हैं. यह कहना अतिश्योक्ति न होगी…

6 years ago

सिनेमा : परिवार नियोजन योजनाओं की बलि चढ़ती महिलाएं

दीपा धनराज की भारत सरकार के परिवार नियोजन कार्यक्रम की कड़ी आलोचना करने वाली दस्तावेजी फिल्म समथिंग लाइक अ वार…

6 years ago

कैमरे की ताकत

आज जब तकनीक तेजी से बदल रही है, सस्ती होकर सर्वसुलभ हो जनतांत्रिक हो रही है तब कैमरा आम लोगों…

6 years ago

सिनेमा में लॉन्ग शॉट का मतलब

[दिल्ली में रहनेवाले संजय जोशी की जड़ें पहाड़ों में बहुत गहरे धंसी हुई हैं. वे नामचीन्ह लेखक शेखर जोशी के…

6 years ago

मथुरा के जमुनापार ने बनाया अपना सिनेमा

[दिल्ली में रहनेवाले संजय जोशी की जड़ें पहाड़ों में बहुत गहरे धंसी हुई हैं. वे नामचीन्ह लेखक शेखर जोशी के…

6 years ago