Poem

मोबाइल पर उस लड़की की सुबह

मोबाइल पर उस लड़की की सुबह-वीरेन डंगवाल सुबह-सवेरेमुँह भी मैलाफिर भी बोलेचली जा रहीवह लड़की मोबाइल पररह-रहचिहुँक-चिहुँक जाती हैकुछ नई-नई-सी…

5 years ago

जब सिल्ला वाले रात का खाना खाते हैं तब चिल्ला वाले सो चुके होते हैं

सिल्ला और चिल्ला गाँव - लीलाधर जगूड़ी हम सिल्ला और चिल्ला गाँव के रहनेवाले हैंकुछ काम हम करते हैं कुछ…

5 years ago

फादर्स डे स्पेशल : वीरेन डंगवाल की कविता

रूग्‍ण पिताजी रात नहीं कटती ? लम्‍बी यह बेहद लम्‍बी लगती है ? इसी रात में दस-दस बारी मरना है…

6 years ago

फादर्स डे स्पेशल: मंगलेश डबराल की कविता

पिता की तस्वीर मंगलेश डबराल पिता की छोटी छोटी बहुत सी तस्वीरें पूरे घर में बिखरी हैं उनकी आँखों में…

6 years ago

फादर्स डे स्पेशल: चंद्रकांत देवताले की कविता

दो लड़कियों का पिता होने से -चंद्रकांत देवताले पपीते के पेड़ की तरह मेरी पत्नी मैं पिता हूँ दो चिड़ियाओं…

6 years ago

तब देख बहारें होली की

अठारहवीं शताब्दी के आगरा के शायर नजीर अकबराबादी (Nazeer Akbarabadi 1740-1830) ने अपने आसपास के साधारण जीवन पर तमाम कविताएँ…

6 years ago

उसका विवेक फांसी के लीवर की तरह होता है

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 7 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago

ऐसी दुर्लभता को बचाया ही जाना चाहिए

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 5 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago

जब तक सामर्थ्य है देखूंगा दुनिया की सारी चहल-पहल

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 5 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago

जिसे हँसने की तमीज नहीं वो भी जाए भीतर

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 4 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago