Navin Joshi

नंद कुमार उप्रेती : एक आम पहाड़ी का खास किस्सानंद कुमार उप्रेती : एक आम पहाड़ी का खास किस्सा

नंद कुमार उप्रेती : एक आम पहाड़ी का खास किस्सा

उप्रेतीखाल, पाँखू, पिथौरागढ़ में 1930 में जन्मे नंद कुमार उप्रेती की कहानी एक सामान्य पहाड़ी आदमी का उस जमाने का…

4 years ago
टिकटशुदा रुक्का : जातीय विभेद पर टिके उत्तराखंडी समाज का पाखण्डटिकटशुदा रुक्का : जातीय विभेद पर टिके उत्तराखंडी समाज का पाखण्ड

टिकटशुदा रुक्का : जातीय विभेद पर टिके उत्तराखंडी समाज का पाखण्ड

टिकटशुदा रुक्का : जातीय विभेद पर टिके उत्तराखंडी समाज का पाखण्ड-चन्द्रकला ‘नवारुण’ से प्रकाशित नवीन जोशी के नवीनतम उपन्यास ‘टिकटशुदा…

5 years ago
जीवन की गजब दार्शनिक एवं व्यावहारिक समझ थी शेरदा अनपढ़ कोजीवन की गजब दार्शनिक एवं व्यावहारिक समझ थी शेरदा अनपढ़ को

जीवन की गजब दार्शनिक एवं व्यावहारिक समझ थी शेरदा अनपढ़ को

सन् 1971 में जब मैंने हाईस्कूल पास किया तब अंग्रेजी पाठ्य पुस्तक में सरोजनी नायडू की एक कविता थी- ‘वीवर्स’…

5 years ago
लाल मकान वाली हेमालाल मकान वाली हेमा

लाल मकान वाली हेमा

“उत्तरायण” कार्यक्रम में एक–दो बार उन्हें देखा होगा जब कभी वे लोक वार्ता बांचने आतीं लेकिन ठीक से मुलाकात की…

6 years ago
माता महेश गिरिमाता महेश गिरि

माता महेश गिरि

मोहिनीदी से फिर मुलाकात की उम्मीद कम होती जा रही है. अब कहां भेंट होगी! हमसे गांव कबके छूट गया.…

6 years ago
‘गरुड़ा बटी छुटि मोटरा रुकि मोटरा कोशि’ के बहाने वीरेनदा की याद‘गरुड़ा बटी छुटि मोटरा रुकि मोटरा कोशि’ के बहाने वीरेनदा की याद

‘गरुड़ा बटी छुटि मोटरा रुकि मोटरा कोशि’ के बहाने वीरेनदा की याद

वीरेन्द्र डंगवाल : कविता और जीवन में सार्थक भरभण्ड -नवीन जोशी गरुड़ बटी छुटि मोटरा, रुकि मोटरा कोशिअघिला सीटा चान-चकोरा,…

6 years ago
कुमाऊनी भाषा की पहली पत्रिका ‘अचल’ के संपादक जीवन बड़बाज्यूकुमाऊनी भाषा की पहली पत्रिका ‘अचल’ के संपादक जीवन बड़बाज्यू

कुमाऊनी भाषा की पहली पत्रिका ‘अचल’ के संपादक जीवन बड़बाज्यू

लखनऊ में बर्लिंगटन चौराहे से केसरबाग को जाने वाली सड़क पर ओडियन सिनेमाघर से कुछ आगे, बाएं हाथ की तरफ…

6 years ago