Manohar Shyam Joshi

मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘क्याप’ से मूली फसलमनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘क्याप’ से मूली फसल

मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘क्याप’ से मूली फसल

बाहर वालों को हमारी उस किस्म की गप्पें भी पसंद आयीं, जिनमें हम ऐसा जताते थे मानों गिनीज बुक आफ…

3 years ago
‘सिल्वर वेडिंग’ मनोहर श्याम जोशी की कालजयी कहानी‘सिल्वर वेडिंग’ मनोहर श्याम जोशी की कालजयी कहानी

‘सिल्वर वेडिंग’ मनोहर श्याम जोशी की कालजयी कहानी

जब सेक्‍शन ऑफीसर वाई․डी․ (यशोधर) पन्‍त ने आखि़री फ़ाइल का लाल फ़ीता बाँध कर निगाह मेज़ से उठायी तब दफ्‍़तर…

3 years ago
मनोहर श्याम जोशी और हमारा हीरो हरिया हरक्यूलीज़ : पुण्यतिथि विशेषमनोहर श्याम जोशी और हमारा हीरो हरिया हरक्यूलीज़ : पुण्यतिथि विशेष

मनोहर श्याम जोशी और हमारा हीरो हरिया हरक्यूलीज़ : पुण्यतिथि विशेष

एक लड़का जिसे उसके नाते-रिश्तेदार समेत उसके आस-पास के पचास कोस तक की सभी जगह में मनहूस माना जाता हो.…

5 years ago
मनोहर श्याम जोशी और विज्ञानमनोहर श्याम जोशी और विज्ञान

मनोहर श्याम जोशी और विज्ञान

‘कुरू-कुरू स्वाहा’, ‘कसप’, ‘क्याप’ तथा ‘हमजाद’ जैसे गंभीर उपन्यासों के रचयिता, साहित्य अकादमी से सम्मानित साहित्यकार और ‘हम लोग, ‘बुनियाद,…

6 years ago
मनोहर श्याम जोशी : भारतीय टीवी धारावाहिक के जनकमनोहर श्याम जोशी : भारतीय टीवी धारावाहिक के जनक

मनोहर श्याम जोशी : भारतीय टीवी धारावाहिक के जनक

अगर कभी उत्तराखंड बोर्ड ने अपनी हिंदी की किताबों में मनोहर श्याम जोशी की कोई कहानी लगाई होती तो हम…

6 years ago
बार-बार अपनी जड़ों की ओर क्यों उगते हैं बंबई के डेढ़ यारबार-बार अपनी जड़ों की ओर क्यों उगते हैं बंबई के डेढ़ यार

बार-बार अपनी जड़ों की ओर क्यों उगते हैं बंबई के डेढ़ यार

अल्मोड़ा से बम्बई चले डेढ़ यार – तीसरी क़िस्त कठोपनिषद की तीसरी वल्ली (अध्याय) का पहला मंत्र है: ऊर्ध्व्मूलोSवक्शाख एशोSश्वत्थः…

7 years ago
अल्मोड़िया राइटर डेढ़ यार: पहुंचे टेसन अंधेरी-खारअल्मोड़िया राइटर डेढ़ यार: पहुंचे टेसन अंधेरी-खार

अल्मोड़िया राइटर डेढ़ यार: पहुंचे टेसन अंधेरी-खार

अल्मोड़ा से बम्बई चले डेढ़ यार – दूसरी क़िस्त पिछली क़िस्त में उत्तराखंड से हिंदी साहित्य में कूद पड़े हमारे…

7 years ago
अल्मोड़ा से राइटर बनने माया नगरी पहुँचे दो पहाड़ियों का किस्सा डेढ़ यारअल्मोड़ा से राइटर बनने माया नगरी पहुँचे दो पहाड़ियों का किस्सा डेढ़ यार

अल्मोड़ा से राइटर बनने माया नगरी पहुँचे दो पहाड़ियों का किस्सा डेढ़ यार

अल्मोड़ा से बम्बई चले डेढ़ यार – पहली क़िस्त पहले अल्मोड़ा से अपनी मीट की दुकान से भागकर मुंबई पहुंचे…

7 years ago