Islam Husain

रानीखेत की वादियों से रमजानी की ‘काफल ले लो’ की पुकार गुम हो गयी

काफल के समय काफल के नोस्टाल्जिया पर अक्सर बात होती ही है लेकिन इसी को सकारात्मक तरीके से देखें तो…

4 years ago

क्या तराई में कभी जैविक हथियारों के लिए कच्चा माल तैयार किया गया था

कोरोना या कोविड-19 वायरस के प्राकृतिक रूप से पैदा होने या उसके किसी प्रयोगशालामें विकसित हैने के विवाद के बीच…

4 years ago

गरुड़-सोमेश्वर वाले रहमान चचा और कुमाऊनी-गढ़वाली भाषा

विगत 9  दिसम्बर को गरुड़ वाले चाचा आ गए ,चाची को साथ लेकर. हम उन्हें गरुड़ वाले चाचा कहते हैं.…

4 years ago

वह कैसे मीटू कैम्पैन में कैसे हिस्सा ले?

और मेरे सामने पहाड़ की एक युवा पत्रकार चली गई -इस्लाम हुसैन महिला उत्पीड़न के प्रति मुखर होकर मीटू कैम्पैन…

5 years ago