History of uttarakhand

कुमाऊं के इतिहास में मंगल की रात और नगरकोटियों की जुल्फें

चंद शासकों ने अपनी खस प्रजा को नियंत्रित करने हेतु हिमांचल से योद्धा बुलाये थे. हिमांचल से बुलाये इन योद्धाओं…

5 years ago

एक फायर के तीन शिकार कुली, मुर्गी और ‘अल्मोड़ा अख़बार’

एक फायर के तीन शिकार कुली, मुर्गी और 'अल्मोड़ा अख़बार' यह टिप्पणी गढ़वाल समाचार पत्र की है. गढ़वाल समाचार पत्र…

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डीडीहाट में सीराकोट का किला

सीराकोट का किला उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट में है. सीराकोट का किला 800 मीटर ऊंची…

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अस्कोट में आज भी मौजूद है पाल शासकों का महल

उत्तराखण्ड के शासकों में से ही रहे हैं पाल शासक. पाल वंश उत्तराखण्ड की कत्यूरी वंश परंपरा की ही एक…

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1857 के ग़दर में काली कुमाऊँ का स्वतंत्रता सेनानी

भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखण्ड की भी अपनी भूमिका रही. उत्तराखण्ड के काली कुमाऊँ में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम…

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उत्तराखण्ड के बौद्ध स्थविर

उत्तराखंड का इतिहास भाग – 8 गंगा और रामगंगा तक फैली भाबर की उत्तरी सीमा पर फैली शिवालिक की निचली…

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आजादी से पहले उत्तराखण्ड में वन आन्दोलन

वन आन्दोलन 1920-21 तक बेगार आन्दोलन का पूरक हो गया था. इन आन्दोलनों के व्यापक सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा…

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मौर्यकाल के दौरान उत्तराखण्ड की स्थिति

उत्तराखंड का इतिहास भाग – 7 मौर्यकाल के साहित्यिक और पुरातत्विक स्त्रोत मिल जाने के कारण वर्त्तमान उत्तराखण्ड क्षेत्र का…

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कुली बेगार आन्दोलन

11 जनवरी 1921 की शक्ति में बदरी दत्त पाण्डे का ‘बेगार उठा लो’ का आह्वान इसी क्रम में था. 1921…

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कुमाऊँ परिषद के शुरुआती वर्ष

1916 से 1926 तक कुमाऊँ परिषद का इतिहास ही बड़ी सीमा तक उत्तराखण्ड में स्थानीय आन्दोलनों तथा राष्ट्रीय संग्राम का…

5 years ago