उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का जब भी इतिहास लिखा गया है तब एक सामान्य धारणा यह बनाने की रही है…
भारत की आजादी में उत्तराखंड के पत्रकारों (Uttarakhand Journalists) ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी. ऐसे ही कुछ बहादुर पत्रकारों…
वन आन्दोलन 1920-21 तक बेगार आन्दोलन का पूरक हो गया था. इन आन्दोलनों के व्यापक सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा…
11 जनवरी 1921 की शक्ति में बदरी दत्त पाण्डे का ‘बेगार उठा लो’ का आह्वान इसी क्रम में था. 1921…
अमृतसर कांग्रेस के बाद के महीने अत्यन्त सक्रियता भरे थे. एक प्रकार से कुमाऊं परिषद के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने…
1916 से 1926 तक कुमाऊँ परिषद का इतिहास ही बड़ी सीमा तक उत्तराखण्ड में स्थानीय आन्दोलनों तथा राष्ट्रीय संग्राम का…
उत्तराखण्ड में हेनरी रैमजे का युग (1856-1884) ब्रिटिश सत्ता के शक्तिशाली होने का काल था. औपनिवेशिक शिक्षा का प्रारम्भ हुआ…