Harish Chandra Pande

डूबना एक शहर का : प्रसंग टिहरीडूबना एक शहर का : प्रसंग टिहरी

डूबना एक शहर का : प्रसंग टिहरी

अपने डूबने में यह हरसूद का समकालीन थाशहरों की बसासत के इतिहास को देखें तोयह एक बचपन का डूबना था(Poem…

4 years ago
कितना आसान है हत्या को आत्महत्या कहनाकितना आसान है हत्या को आत्महत्या कहना

कितना आसान है हत्या को आत्महत्या कहना

किसान और आत्महत्या -हरीश चन्द्र पाण्डे उन्हें धर्मगुरुओं ने बताया था प्रवचनों मेंआत्महत्या करने वाला सीधे नर्क जाता हैतब भी…

6 years ago
अपने को और मीठा और चिपचिपा बना रहा है नैनीतालअपने को और मीठा और चिपचिपा बना रहा है नैनीताल

अपने को और मीठा और चिपचिपा बना रहा है नैनीताल

उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के सदीगाँव में दिसंबर 1952 में जन्मे हरीशचन्द्र पाण्डे (Harish Chandra Pande) आजीविका के लिए भारतीय…

6 years ago
उसका विवेक फांसी के लीवर की तरह होता हैउसका विवेक फांसी के लीवर की तरह होता है

उसका विवेक फांसी के लीवर की तरह होता है

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 7 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago
ऐसी दुर्लभता को बचाया ही जाना चाहिएऐसी दुर्लभता को बचाया ही जाना चाहिए

ऐसी दुर्लभता को बचाया ही जाना चाहिए

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 5 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago
जब तक सामर्थ्य है देखूंगा दुनिया की सारी चहल-पहलजब तक सामर्थ्य है देखूंगा दुनिया की सारी चहल-पहल

जब तक सामर्थ्य है देखूंगा दुनिया की सारी चहल-पहल

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 5 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago
जिसे हँसने की तमीज नहीं वो भी जाए भीतरजिसे हँसने की तमीज नहीं वो भी जाए भीतर

जिसे हँसने की तमीज नहीं वो भी जाए भीतर

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 4 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago
वे मगहर में नहीं अपने घर में मर रहे हैंवे मगहर में नहीं अपने घर में मर रहे हैं

वे मगहर में नहीं अपने घर में मर रहे हैं

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 3 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago
एक दिन में नष्ट किया जा सकता है कोई भी पुस्तकालयएक दिन में नष्ट किया जा सकता है कोई भी पुस्तकालय

एक दिन में नष्ट किया जा सकता है कोई भी पुस्तकालय

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 2 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी…

6 years ago
एक बुरूंश कहीं खिलता हैएक बुरूंश कहीं खिलता है

एक बुरूंश कहीं खिलता है

हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ - 1 एक बुरूंश कहीं खिलता है - हरीश चन्द्र पांडे खून को अपना रंग…

6 years ago