Garhwali Cuisine

विकराल भूत भी डरते हैं सिसौणे की सब्जी से

सिसौण कहो या कंडाली- ये सब्जी हिम्मत वाली इस बार के पहाड़ी जायके को पढ़ने से पहले अपने अंदर हिम्मत…

5 years ago

बड़े-बड़े गुण वाला बड़ी का साग

हिमाचल वाला किस्सा यहां भी दोहराया गया. फर्क सिर्फ ये है कि शिमला में शर्मा जी थे और यहां हल्द्वानी…

5 years ago

सैणी हो या मैंस, सबकी पसंद चैंस

चैंस कह लो, चैंसा या फिर चैंसू. नाम अलग-अलग अंचलों में कुछ फर्क के साथ अलग हों, लेकिन इसका स्वाद…

5 years ago

भांग की चटनी – चटोरे पहाड़ियों की सबसे बड़ी कमजोरी

चंदू की चाची को चांदनीखाल में चटनी चटाई जूनियर कक्षाओं में बाल मंडली ने अनुप्रास अलंकार का एक घरेलू उदाहरण…

5 years ago

अद्वितीय होता है कुमाऊं-गढ़वाल का झोई भात

वो कढ़ती है, ये झोलती है: पहाड़ की झोली 15 साल की उम्र में पहली बार जब गांव में एक…

6 years ago

पहाड़ी मूले का थेचुवा खाइए जनाब, पेटसफा चूरन नहीं

कल सुबह सब्जी लेने मंडी में पहुंचा तो देखा कि पहाड़ी मूला/ मूली बाजार में आ चुका है. अभी बाजार में…

6 years ago

भट के डुबके – इक स्वाद का दरिया है और डुबके जाना है

पहाड़ के जायके - 1 पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद वर्ष 1990-91 में पत्रकारिता की सांस्थानिक नौकरी में चला गया.…

6 years ago