Gahan Hai Yah Andhkara

‘गहन है यह अंधकारा’ की समीक्षा : लक्ष्मण सिंह बिष्ट ‘बटरोही’

औपनिवेशिक मूल्यों की तलछट पर बिछा एक लाचार समाज भारत को आज़ादी तो 1947 में मिल चुकी थी; मगर आज…

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अल्मोड़ा किताब घर में ‘गहन है यह अंधकारा’ किताब पर चर्चा

अल्मोड़ा 10 नवंबर, बीते शनिवार 9 नवंबर को यहां जननायक डॉ शमशेर सिंह बिष्ट की याद में किताब पर चर्चा…

5 years ago

‘गहन है यह अन्धकारा’ में दूर कहीं उजास दिखता है

पुलिस के पास ढेरों कहानियां होती हैं. हर तबके की, हर तरह की. कहानी बनाना भी आ जाता है और…

5 years ago