Folk Songs of Uttarakhand

रितुरैण या ऋतुरैण: चैत के महीने में गाये जाने वाले लोक गीत

रितुरैण या ऋतुरैण (Riturain) गीतों का उत्तराखण्ड की लोक परम्पराओं में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. इन्हें बसंत ऋतु और विशेषकर…

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सरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथा

सुसाट मन को कपोरता है. लग जाता है एक उदेख जिसके अंदर कुहरा जाती है बाली कुसुमा की ओसिल कहानी.…

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