Folk Song

खुदेड़ : नराई से जन्मा पहाड़ी लोकगीत

करीब दस एक साल पहले तक गढ़वाल के गांवों में मोछंग की धुन के साथ दर्द भरी आवाज में गीत…

5 years ago

सरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथा

सुसाट मन को कपोरता है. लग जाता है एक उदेख जिसके अंदर कुहरा जाती है बाली कुसुमा की ओसिल कहानी.…

6 years ago

नरैणा काफल पाको चैता

अगर आप उत्तराखंड से हैं तो आपके साथ बेड़ू पाको अपने आप जुड़ जाता है. उत्तराखंड का व्यक्ति अपना परिचय…

6 years ago