बड़े अच्छे लगते हैं, ये धरती, ये नदिया, ये रैनाऔर? और तुम... - २ओ माझी रे, जइयो पिया के देस…
हर तरफ हुस्न है, जवानी है,आज की रात क्या सुहानी हैरेशमी जिस्म थरथराते हैं,मर्मरी ख्वाब गुनगुनाते हैंधड़कनों में सुरूर फैला…
1955-56 की एक काव्य संध्या में देव साहब ने नीरज को सुना. उनकी कविता उन्हें इतनी भायी कि उन्होंने नीरज…
तटस्थता और पारदर्शिता, किसी भी व्यवस्था के सबसे लोकप्रिय सिद्धांत माने जाते है, जिसके चलते अक्सर चुनाव जैसे खास आयोजनों…