Batrohi

कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति का तुगलकी फरमान

इन दिनों उत्तराखंड में कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति अपने ऊलजलूल बयानों के कारण चर्चा में हैं. हाल ही में उनके…

5 years ago

कलकत्ता कथा समारोह 1982 : जब भारतीय भाषाओं का नेतृत्व हिंदी करती थी

भारतीय भाषाओं के शीर्षस्थ कथाकारों का समागम : ‘कलकत्ता कथा समारोह, 1982’ : जब भारतीय भाषाओं का नेतृत्व हिंदी करती…

5 years ago

डीएसबी नैनीताल यानी उत्तराखंड में आधुनिकता का प्रवेश द्वार

आधुनिकता को अंग्रेजों के आगमन और उनकी भाषा के साथ आये ज्ञान-विज्ञान के साथ जोड़कर देखा जाता है. कुछ हद…

5 years ago

बाबर के साथ क्या रिश्ता था गुलशेर खां शानी और रहमतुल्ला का

इन दिनों शानी बहुत याद आ रहे हैं. 1965 में जब अक्षर प्रकाशन से उनका उपन्यास ‘काला जल’ प्रकाशित हुआ…

5 years ago

दाड़िम के फूल – इस कहानी की एक कहानी है

मेरी कहानी ‘दाड़िम के फूल’ की भी एक मजेदार कहानी है. आनंद तब आए जब इससे पहले मेरे दोस्त बटरोही की कहानी ‘बुरांश…

5 years ago

ऐसा भी कहीं होता है?

पिछली पोस्ट में मैंने भारत के कालजयी लेखक प्रेमचंद के परिवार के साथ रहने के कारण खुद को सौभाग्यशाली व्यक्तियों…

5 years ago

माँ शिवरानी देवी, प्रेमचंद और सास सुभद्रा कुमारी चौहान

इस पोस्ट को पिछली पोस्ट के क्रम में पढ़िए. पिछली पोस्ट का लिंक: पचास साल पहले इलाहाबाद में कथाकार अशोक…

5 years ago

पचास साल पहले इलाहाबाद में कथाकार अशोक कंडवाल के साथ: प्रेमचंद और उनके बेटे की स्मृतियां

अपनी जिंदगी के किसी पुराने टुकड़े को एकदम जीवंत रूप में देखना कितना रोमांचकारी होता है, इसका अहसास मुझे कुछ…

5 years ago

डाना गैराड़ के कलबिष्ट देवता की शरण में

चरवाहे लोकदेवता कलबिष्ट की शरण में (एक लोक देवता के अंकुरण की पृष्ठभूमि)-बटरोही इतने सालों के बाद क्या उसका यह…

5 years ago

देवीधूरा का पाषाण युद्ध और पृथ्वी की प्रतीक बाराहीदेवी का मंदिर

काली कुमाऊँ योद्धाओं का क्षेत्र है, अतः यहाँ की सभी परंपराएँ शक्ति (ताकत) से जुड़ी हुई हैं. दानवों की भूमि…

6 years ago