इतिहासकार युवाल नोआ हरारी चेताते हैं कि फ़ासीवादियों को पहचानना आज इतना भी आसान नहीं है. वे हमेशा अपनी राक्षसी…
औद्योगिक क्रांति से अब तक इंसान बेहद गैर-ज़िम्मेदारी से अपने पर्यावरण को तोड़ने-मरोड़ने में लगे रहे. नतीजतन जलवायु से सम्बंधित…
मानव सभ्यता का अगला पड़ाव: ऑटोमेशन, नई नैतिकता और एक 'वैश्विक निकम्मा वर्ग' हमारे भविष्य की तस्वीर कैसी होगी- एक…
कोई भी प्रार्थना बेकार नहीं जाती स्वामी विवेकानंद: मैं समय नहीं निकाल पाता. जीवन आप-धापी से भर गया है. रामकृष्ण…
10 अक्टूबर 2016 को दिवंगत हुए पिथौरागढ़ में रहने वाले अद्वितीय मनीषी और कर्मठ विद्वान डॉ. राम सिंह ने उत्तराखंड…
यह वाकया उस जमाने का है, जब देश को आजादी मिली ही थी. हिमालय के दूर-दराज गांव के अत्यंत विपन्न…