जम्हूरियत इक तर्ज़-ए-हुकूमत है कि जिस में बंदों को गिना करते हैं तौला नहीं करते - अल्लामा इक़बाल इसी लोकसभा…
हमारा समाज -वीरेन डंगवाल यह कौन नहीं चाहेगा उसको मिले प्यार यह कौन नहीं चाहेगा भोजन वस्त्र मिले यह कौन…