सुन्दर चंद ठाकुर

और यूं एक-एक कर बुराइयां मुझे बाहुपाश में लेती गईं

पहाड़ और मेरा जीवन – 66 (पिछली क़िस्त: वो शेर ओ शायरी, वो कविता और वो बाबा नागार्जुन का शहर…

5 years ago

वो शेर ओ शायरी, वो कविता और वो बाबा नागार्जुन का शहर में आना

पहाड़ और मेरा जीवन – 65 (पिछली क़िस्त: वो मेरा ‘काटो तो खून नहीं’ मुहावरे से जिंदा गुजर जाना तेरी बज्म…

5 years ago

और मैंने कसम खाई कि लड़कियों के भरोसे कॉलेज में कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा

पहाड़ और मेरा जीवन – 62 (पिछली क़िस्त: और मैं जुल्फ को हवा देता हुआ स्कूल से कॉलेज पहुंचा) मैंने…

5 years ago

मनोज भट उर्फ गब्बू से पढ़े गणित के ट्यूशन के नहीं दिए गए पैसों का किस्सा

पहाड़ और मेरा जीवन – 57 (पिछली क़िस्त: बारहवीं में दसवीं के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा यूं कमाए मैंने पैसे)…

5 years ago

बारहवीं में दसवीं के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा यूं कमाए मैंने पैसे

पहाड़ और मेरा जीवन-  56 मैं विद्यार्थी जीवन के दौरान और बाद में भी कई बार पैसों को लेकर थोड़ी…

5 years ago

मास्साब ने लड़कों से कहा, देखो इसे, ये अंग्रेजी का अखबार पढ़ता है

पहाड़ और मेरा जीवन- 55 पिथौरागढ़ में अखबारों, किताबों और स्टेशनरी की अब तो बहुत-सी दुकानें खुल गई हैं, पर…

5 years ago

पिथौरागढ़ की रामलीला, शरद का उत्सव और तारों भरी रातें

पहाड़ और मेरा जीवन- 54 (पिछली क़िस्त: उसकी पलकों का क्षितिज न मिला, फूल मेरी नफीस मुहब्बत का न खिला)…

5 years ago

उसकी पलकों का क्षितिज न मिला, फूल मेरी नफीस मुहब्बत का न खिला

पहाड़ और मेरा जीवन – 53 ( Sundar Chand Thakur Memoir) (पिछली क़िस्त: मनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, परिस्थितियां उसकी…

5 years ago

मनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, परिस्थितियां उसकी गुलाम हैं

पहाड़ और मेरा जीवन – 52 ( Sundar Chand Thakur Memoir) (पिछली क़िस्त: इस विपुला पृथिवी को मैं जानता ही…

5 years ago

इस विपुला पृथिवी को मैं जानता ही कितना हूं

पहाड़ और मेरा जीवन – 51 (Sundar Chand Thakur Memoir) (पिछली क़िस्त: वह पहाड़ों की सर्दियों का एक जरा-सा धूप…

5 years ago