सुन्दर चंद ठाकुर के संस्मरण

उसकी पलकों का क्षितिज न मिला, फूल मेरी नफीस मुहब्बत का न खिलाउसकी पलकों का क्षितिज न मिला, फूल मेरी नफीस मुहब्बत का न खिला

उसकी पलकों का क्षितिज न मिला, फूल मेरी नफीस मुहब्बत का न खिला

पहाड़ और मेरा जीवन – 53 ( Sundar Chand Thakur Memoir) (पिछली क़िस्त: मनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, परिस्थितियां उसकी…

5 years ago
मनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, परिस्थितियां उसकी गुलाम हैंमनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, परिस्थितियां उसकी गुलाम हैं

मनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, परिस्थितियां उसकी गुलाम हैं

पहाड़ और मेरा जीवन – 52 ( Sundar Chand Thakur Memoir) (पिछली क़िस्त: इस विपुला पृथिवी को मैं जानता ही…

5 years ago
इस विपुला पृथिवी को मैं जानता ही कितना हूंइस विपुला पृथिवी को मैं जानता ही कितना हूं

इस विपुला पृथिवी को मैं जानता ही कितना हूं

पहाड़ और मेरा जीवन – 51 (Sundar Chand Thakur Memoir) (पिछली क़िस्त: वह पहाड़ों की सर्दियों का एक जरा-सा धूप…

5 years ago
वह पहाड़ों की सर्दियों का एक जरा-सा धूप का टुकड़ावह पहाड़ों की सर्दियों का एक जरा-सा धूप का टुकड़ा

वह पहाड़ों की सर्दियों का एक जरा-सा धूप का टुकड़ा

पहाड़ और मेरा जीवन – 50 (पिछली क़िस्त: दसवीं बोर्ड परीक्षा में जब मैंने रात भर जागकर पढ़ा सामाजिक विज्ञान…

5 years ago
दसवीं बोर्ड परीक्षा में जब मैंने रात भर जागकर पढ़ा सामाजिक विज्ञानदसवीं बोर्ड परीक्षा में जब मैंने रात भर जागकर पढ़ा सामाजिक विज्ञान

दसवीं बोर्ड परीक्षा में जब मैंने रात भर जागकर पढ़ा सामाजिक विज्ञान

पहाड़ और मेरा जीवन -49 (पिछली क़िस्त: ये रहा मेरे हाथ लगी ग्यारहवीं की डायरी का पहला पन्ना) कक्षा पांच…

5 years ago
ये रहा मेरे हाथ लगी ग्यारहवीं की डायरी का पहला पन्नाये रहा मेरे हाथ लगी ग्यारहवीं की डायरी का पहला पन्ना

ये रहा मेरे हाथ लगी ग्यारहवीं की डायरी का पहला पन्ना

पहाड़ और मेरा जीवन – 48 (पिछली क़िस्त: पुराने दोस्त पुरानी शराब से ज्यादा जायकेदार होते हैं) पुरानी चीजें सहेजकर…

5 years ago
पुराने दोस्त पुरानी शराब से ज्यादा जायकेदार होते हैंपुराने दोस्त पुरानी शराब से ज्यादा जायकेदार होते हैं

पुराने दोस्त पुरानी शराब से ज्यादा जायकेदार होते हैं

पहाड़ और मेरा जीवन – 47 (पिछली क़िस्त: और मैं बन गया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप में ऑल इंडिया कमांडर…

5 years ago
और मैं बन गया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप में ऑल इंडिया कमांडरऔर मैं बन गया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप में ऑल इंडिया कमांडर

और मैं बन गया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप में ऑल इंडिया कमांडर

पहाड़ और मेरा जीवन – 46 (पिछली क़िस्त: मुझे जिंदा पाकर मां ने जब मुझ पर की थप्पड़ों की बरसात)…

6 years ago