श्रद्धांजलि

जनान्दोलनों के संघर्ष का प्रतीक था – त्रेपन चौहान की तेरहवीं पर जगमोहन रौतेला की भावभीनी श्रद्धांजलि

उत्तराखण्ड के जनान्दोलनों व जनसरोकारों के लिए काम करने वाली धारा को गत 13 अगस्त 2020 को तब गहरा आघात…

4 years ago

उसके लिये मित्रों से बड़ा कोई वीआईपी नहीं होता था – स्मृति शेष दिनेश कण्डवाल

[तीन दिन पहले घुमंतू फोटोग्राफर, लेखक और वैज्ञानिक दिनेश कण्डवाल का आकस्मिक निधन हो गया था. उनकी स्मृतियों पर उनके…

4 years ago

1962 एशियाड में फुटबॉल का गोल्ड दिलाने वाले चुन्नी गोस्वामी नहीं रहे

“स्पोर्ट्समैन स्पिरिट कहाँ है तुम लोगों की?” पिता कमर पर हाथ रखकर बोल रहे थे. मिंयादाद ने अभी-अभी चेतन शर्मा…

5 years ago

राज्य के सर्वश्रेष्ठ प्रधानाचार्यों में एक महावीर सिंह चौहान नहीं रहे – असामयिक निधन

देहरादून के सर्वाधिक छात्रसंख्या वाले सरकारी माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य का असामयिक निधन हो गया है. बात इतनी-सी ही नहीं…

5 years ago

अलविदा सुरेन्द्र पुंडीर भैजी

लिखा-पढ़ी से जुड़ा उत्तराखण्ड में कौन होगा जो इस शख़्स को नहीं जानता होगा. साहित्य-संस्कृति-पत्रकारिता का कोई भी आयोजन हो…

5 years ago

अपने समय के सुपरस्टार्स को जेब में लेकर घूमते थे कादर खान

एक ज़माना था जब कादर खान को एक फिल्म लिखने के अमिताभ बच्चन से ज़्यादा पैसे मिलते थे. सत्तर और…

6 years ago

इस ख़राबे में कोई मर्द कहां – फ़हमीदा रियाज़ को श्रद्धांजलि

कब तक मुझ से प्यार करोगे? कब तक? जब तक मेरे रहम से बच्चे की तख़्लीक़ का ख़ून बहेगा जब…

6 years ago