शंभू राणा

अल्मोड़ा से बीबीसी रेडियो की भीनी-भीनी यादें

शम्भू राणा का यह लेख नैनीताल समाचार में वर्ष 2011 में तब छपा था जब हिंदी समेत कई भाषाओं में बीबीसी…

5 years ago

अल्मोड़ा में सार्वजनिक ब्लैक-बोर्ड की गाथा

अल्मोड़ा शहर में दो-तीन सार्वजनिक जगहों पर ब्लैक-बोर्ड बने हैं. एक है बस स्टेशन पर, कचहरी को जाने वाली सीढ़ियों…

5 years ago

अल्मोड़ा में बाखबर और बहोशोहवास किस्म की विभूतियों की अंतिम कड़ी : मोद्दा

एक थे मोद्दा. बेतरतीब और उलझे हुए दाढ़ी-बाल, पोपला मुँह, फटे-पुराने जूते, जो कई बार अलग-अलग साइज और रंग के भी होते थे.…

6 years ago

हजारे का चूरा

आज न जाने कैसे अचानक ‘चूरे’ की याद आ गई- जैसे वर्षों बाद कोई बाल सखा सामने आ जाए. सचमुच…

6 years ago

कछुआ खरगोश की अल्मोड़िया कथा

पटवारी पद के सैकड़ों उम्मीदवार शारीरिक दमखम साबित करने के लिए दस किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा ले रहे थे.…

6 years ago