लक्ष्मण सिंह बिष्ट ‘बटरोही’

मन्दाकिनी किनारे के गोठ तक दिवंगत 28 वर्षीय कवि की शव-यात्रा

यह यात्रा अलग तरह की थी; ऐसी यात्रा जिसमें असमय हमसे छिन गए कालजयी कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल की अंतिम यात्रा…

3 years ago

पन्त-मटियानी के बेमेल युग्म का मिथक

इस किस्से की प्रामाणिकता का मैं दावा नहीं करता. बाकी लोगों की तरह मैंने भी इसे दूसरों के मुंह से…

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रियासत के गधेरे में सौ साल पुराने जिन्न का पुनर्जन्म

करीब एक पखवाड़े पहले मेरे गाँव के नौजवानों ने व्हाट्सएप्प पर एक ग्रुप शुरू किया, ‘छानागाँव की रियासत’. इसमें नयी…

3 years ago

रामगढ़ के टाइगर टॉप में एक विश्व विद्यालय बनाने की कहानी

इस बात की चर्चा अब बेकार है कि कितनी उम्मीदों के साथ रामगढ़ की महादेवी वर्मा के मीरा कुटीर को…

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भैंस-पालकों की घाटी से घोड़ों के दौड़ते झुण्ड वाले देश तक की यात्रा

मेरा पैतृक गाँव ब्रिटिश अल्मोड़ा के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक छोटा-सा गाँव है, ‘छानगों’; मगर शुरू से ही इसे ‘छानागाँव’…

3 years ago

नैनीताल की झील में एक खतरनाक जीवाणु का घर है

यह शोध हमारे विश्वविद्यालय में वनस्पति-विज्ञान के प्रोफ़ेसर साहब ने किया था. हिंदी समाज के आम प्राध्यापक की तरह वो…

3 years ago

पवनदीप राजन: हजारों साल बाद अंकुरित हुआ कालिदास का रोपा गया पौधा ‘कुटज’

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का मशहूर निबंध है ‘कुटज’. गिरिकूट यानी पहाड़ों की चोटी पर पैदा होने वाला वृक्ष है कुटज.…

3 years ago

उत्तराखंड में ओबीसी बिल के निहितार्थ: एक तत्काल प्रतिक्रिया

गलत वर्तनी वाले पंडित, घूंघट वाले ठाकुर, छोटा ‘सा’ वाले बनिये और प्रदेश की ईंट-से-ईंट जोड़ते रहे एससी-एसटी शिल्पकार क्या…

3 years ago

हंगरी की वादियों में लोक गायक ‘नैननाथ रावल’ का कुमाऊनी गीत

पिछली सहस्राब्दी के आखिरी महीने में अपने हंगेरियन विद्यार्थियों को मैंने अपने इलाके का परिचय देने के लिए मशहूर लोकगायक…

3 years ago

आजादी के बाद पहाड़ों में खलनायक ही क्यों जन्म ले रहे हैं

हमारी धरती में नायकों की कभी कमी नहीं रही. चाहे जितने गिना लीजिए. आजादी से पहले भी, और बाद में…

4 years ago