भारत चीन युद्ध 1962

चीन-भारत युद्ध के पराक्रमी उत्तराखण्डी सैनिक की शहादत के 58 साल बाद उनका खाना बनता है और जूते पॉलिश किये जाते हैंचीन-भारत युद्ध के पराक्रमी उत्तराखण्डी सैनिक की शहादत के 58 साल बाद उनका खाना बनता है और जूते पॉलिश किये जाते हैं

चीन-भारत युद्ध के पराक्रमी उत्तराखण्डी सैनिक की शहादत के 58 साल बाद उनका खाना बनता है और जूते पॉलिश किये जाते हैं

यह कहानी राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की है. 19 अगस्त, 1941 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में गुमान सिंह…

5 years ago
कुमाऊं रेजीमेंट के परमवीर चक्र विजेता जांबाज मेजर शैतान सिंह भाटी की कहानीकुमाऊं रेजीमेंट के परमवीर चक्र विजेता जांबाज मेजर शैतान सिंह भाटी की कहानी

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1 दिसंबर 1924 को राजस्थान में पैदा हुए मेजर शैतान सिंह भाटी ने स्नातक की डिग्री लेने के बाद जोधपुर…

5 years ago