लगभग चालीस सालों से चले आ रहे अल्मोड़ा अखबार ने 1913 के बाद ही धार पकड़ी. अल्मोड़ा अख़बार ने जब…
ई. शर्मन ओकले ने अपनी किताब 'होली हिमालयाज' में लिखा है कि चंद राजाओं के समय राजा ने आत्मरक्षा के…
चंद शासकों ने अपनी खस प्रजा को नियंत्रित करने हेतु हिमांचल से योद्धा बुलाये थे. हिमांचल से बुलाये इन योद्धाओं…
अल्मोड़े में अपनी राजगद्दी छिनने के बाद चंद राजा मोहनचंद मदद के लिये जगह-जगह भटक रहा था. उसे गुजर के…
एक फायर के तीन शिकार कुली, मुर्गी और 'अल्मोड़ा अख़बार' यह टिप्पणी गढ़वाल समाचार पत्र की है. गढ़वाल समाचार पत्र…