बटरोही

उत्तराखंड को लेकर क्या थी कौशिक समिति के सबसे बड़ी सिफारिशउत्तराखंड को लेकर क्या थी कौशिक समिति के सबसे बड़ी सिफारिश

उत्तराखंड को लेकर क्या थी कौशिक समिति के सबसे बड़ी सिफारिश

अपने बचपन के गाँव को ठीक-ठीक आज न स्मरण कर पाने का एक बड़ा कारण शहर आने के बाद उत्तराखंड…

6 years ago
महादेवी वर्मा और कुमाऊँ के रामगढ़ में उनकी मीरा कुटीरमहादेवी वर्मा और कुमाऊँ के रामगढ़ में उनकी मीरा कुटीर

महादेवी वर्मा और कुमाऊँ के रामगढ़ में उनकी मीरा कुटीर

महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य के महत्वपूर्ण छायावादी आन्दोलन के चार बड़े नामों में से एक थीं. इस समूह में उनके…

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मेरा और खड़कुवा का बचपनमेरा और खड़कुवा का बचपन

मेरा और खड़कुवा का बचपन

खड़कुवा और मेरी मांओं ने हमें ऐसे ही मिट्टी लिपे फर्शों पर जन्म दिया था और हमें गाँव किनारे के…

6 years ago
नैनीताल की मिसेज बनर्जीनैनीताल की मिसेज बनर्जी

नैनीताल की मिसेज बनर्जी

‘हमारा जैसा बोलेंगा तो हिंदी कैसे बनेगा राष्ट्रभाषा, बोलो?’ ठीक तारीख याद नहीं है, 1978-79 के किसी महीने में एक…

6 years ago
अंग्रेजों ने अपने लिए माल रोड तो भारतीयों के लिए बनवाई ठंडी सड़कअंग्रेजों ने अपने लिए माल रोड तो भारतीयों के लिए बनवाई ठंडी सड़क

अंग्रेजों ने अपने लिए माल रोड तो भारतीयों के लिए बनवाई ठंडी सड़क

1841 में पीटर बैरन द्वारा बसाये गए इस नैनीताल शहर (history of Nainital) में ठीक 146 साल और अपने स्कूल…

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भगवान तुलसीदास गलत नहीं लिख सकतेभगवान तुलसीदास गलत नहीं लिख सकते

भगवान तुलसीदास गलत नहीं लिख सकते

बुआजी के एक विधुर जेठ थे, जिन्हें घर के सब लोग ‘बड़े बाबजी’ पुकारते थे. मझोले कद के बड़े बाबजी…

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बंपुलिस… द एंग्लो इंडियन पौटी – बटरोही की कहानीबंपुलिस… द एंग्लो इंडियन पौटी – बटरोही की कहानी

बंपुलिस… द एंग्लो इंडियन पौटी – बटरोही की कहानी

काफल ट्री में नियमित कॉलम लिखने वाले लक्ष्मण सिंह बिष्ट 'बटरोही' का जन्म 25 अप्रैल 1946 को अल्मोड़ा के छानागाँव…

6 years ago
उत्तराखंड में रजस्वला स्त्रियों का गोठ-प्रवासउत्तराखंड में रजस्वला स्त्रियों का गोठ-प्रवास

उत्तराखंड में रजस्वला स्त्रियों का गोठ-प्रवास

मकानों के गोठ में हर महीने के चार-पांच दिनों तक मवेशियों के साथ-साथ खड़कुवा और हमारी मां और भाभियां भी…

6 years ago
उत्तराखंडी चेतना की नई शुरुआत या पटाक्षेपउत्तराखंडी चेतना की नई शुरुआत या पटाक्षेप

उत्तराखंडी चेतना की नई शुरुआत या पटाक्षेप

फरवरी 2014 में, जब उस वक़्त के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के त्यागपत्र के बाद हरीश रावत को मुख्यमंत्री की कमान…

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मोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दैहिक कहानी का अंतमोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दैहिक कहानी का अंत

मोत्दा-च्चा-बड़बाज्यू की दैहिक कहानी का अंत

फरहत का परिवार हमारे पड़ोस में रहता था. चूल्हे-चौके की तमाम गोपनीयता के बावजूद दोनों परिवार लगभग एक ही छत…

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