प्रेम कविता

कितनी भी बड़ी हो तोप, एक दिन तो होना ही है उनका मुँह बन्द!कितनी भी बड़ी हो तोप, एक दिन तो होना ही है उनका मुँह बन्द!

कितनी भी बड़ी हो तोप, एक दिन तो होना ही है उनका मुँह बन्द!

पहली बार उनका नाम प्रोफेसर श्योराज सिंह बेचैन से सुना था कि बाबा साहेब आंबेडकर की पत्रकारिता पर उनके रिसर्च…

6 years ago
कभी-कभी बताती है बच्चा पैदा करना कोई हँसी-खेल नहींकभी-कभी बताती है बच्चा पैदा करना कोई हँसी-खेल नहीं

कभी-कभी बताती है बच्चा पैदा करना कोई हँसी-खेल नहीं

हर कवि की एक मूल संवेदना होती है जिसके इर्द-गिर्द उसके तमाम अनुभव सक्रिय रहते हैं. इस तरह देखें तो…

6 years ago
फिर भी मैं करता हूँ प्यारफिर भी मैं करता हूँ प्यार

फिर भी मैं करता हूँ प्यार

प्रेम - शमशेर बहादुर सिंह द्रव्य नहीं कुछ मेरे पास फिर भी मैं करता हूँ प्यार रूप नहीं कुछ मेरे…

6 years ago