प्रयाग रावत

असोज की घसियारी व घास की किस्में

पहाड़ के लोगों का पहाड़ सा जीवन महीना असोज के लगते ही हिमालय के तलहटी में बसे गाँवों में घास…

1 year ago

शंखनाद से कम आध्यात्मिक नहीं हिमालयी मवेशियों के गले में बंधी तिब्बती घंटियों के सुर

हिमालयी चरवाहों के मवेशियों के गले में बंधी तिब्बती घंटियाँ और उनकी ध्वनि भी इन चरवाहों के जीवन की तरह…

4 years ago

‘मुनस्यारी हाउस’ इस तरह पहाड़ी उत्पादों का सबसे विश्वसनीय ब्रांड बना

उत्तराखण्ड की सीमान्त जोहार घाटी में मिलम के करीबी गांव जलथ में रहने वाले प्रयाग रावत बचपन से ही हिमालय…

4 years ago