पहाड़ और मेरा जीवन

जब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित हुईजब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित हुई

जब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित हुई

पहाड़ और मेरा जीवन – 38 (पिछली कड़ी: एक शराबी की लाश पर महिलाओं के विलाप ने लिखवाई मुझसे पहली…

6 years ago
एक शराबी की लाश पर महिलाओं के विलाप ने लिखवाई मुझसे पहली कविताएक शराबी की लाश पर महिलाओं के विलाप ने लिखवाई मुझसे पहली कविता

एक शराबी की लाश पर महिलाओं के विलाप ने लिखवाई मुझसे पहली कविता

पहाड़ और मेरा जीवन – 37 (पिछली कड़ी: पहाड़ और मेरा जीवन – 36 :पहाड़ ने पुकारा तो मैं सहरा…

6 years ago
पहाड़ ने पुकारा तो मैं सहरा से लौट आयापहाड़ ने पुकारा तो मैं सहरा से लौट आया

पहाड़ ने पुकारा तो मैं सहरा से लौट आया

पहाड़ और मेरा जीवन – 36 (पिछली कड़ी: मेरा मिट्ठू दिल लेकर उड़ गया, पर दिल ने पुकारा तो लौट…

6 years ago
मेरा मिट्ठू दिल लेकर उड़ गया, पर दिल ने पुकारा तो लौट भी आयामेरा मिट्ठू दिल लेकर उड़ गया, पर दिल ने पुकारा तो लौट भी आया

मेरा मिट्ठू दिल लेकर उड़ गया, पर दिल ने पुकारा तो लौट भी आया

पहाड़ और मेरा जीवन – 34 (पिछली कड़ी: वो 26 रनों की यादगार पारी और लटक-लटक कर नाटे कद से…

6 years ago
वो 26 रनों की यादगार पारी और लटक-लटक कर नाटे कद से छरहरा व लंबा बन जानावो 26 रनों की यादगार पारी और लटक-लटक कर नाटे कद से छरहरा व लंबा बन जाना

वो 26 रनों की यादगार पारी और लटक-लटक कर नाटे कद से छरहरा व लंबा बन जाना

पहाड़ और मेरा जीवन – 34 (पिछली कड़ी:वो दिनभर किराए की साइकिल चलाना और बतौर कप्तान वो फुटबॉल मैच में…

6 years ago
वो दिनभर किराए की साइकिल चलाना और बतौर कप्तान वो फुटबॉल मैच में मेरा अविश्वसनीय गोलवो दिनभर किराए की साइकिल चलाना और बतौर कप्तान वो फुटबॉल मैच में मेरा अविश्वसनीय गोल

वो दिनभर किराए की साइकिल चलाना और बतौर कप्तान वो फुटबॉल मैच में मेरा अविश्वसनीय गोल

पहाड़ और मेरा जीवन – 33 पिथौरागढ़ से राजस्थान जाने के बाद मैं एक साल वहां रहा. इस एक साल…

6 years ago
मैंने तोते की लाश को तो दफ्न कर दिया, पर उसे मारने का अपराध बोध जिंदा रहामैंने तोते की लाश को तो दफ्न कर दिया, पर उसे मारने का अपराध बोध जिंदा रहा

मैंने तोते की लाश को तो दफ्न कर दिया, पर उसे मारने का अपराध बोध जिंदा रहा

पहाड़ और मेरा जीवन – 32 पिथौरागढ़ में रहते हुए मैं बचपन और कैशोर्य का ऐसा बेहोशी भरा जीवन जी…

6 years ago
सुर्ख गालों पर तपिश लिए भरे बाजार जब मैंने अर्चना वर्मा को जीवन भर के लिए कहा गुडबायसुर्ख गालों पर तपिश लिए भरे बाजार जब मैंने अर्चना वर्मा को जीवन भर के लिए कहा गुडबाय

सुर्ख गालों पर तपिश लिए भरे बाजार जब मैंने अर्चना वर्मा को जीवन भर के लिए कहा गुडबाय

पहाड़ और मेरा जीवन – 31 अपनी सहपाठी अर्चना वर्मा के बारे में मैंने पहले भी जिक्र किया था और…

6 years ago
और मां ने सिन्ने यानी बिच्छू घास से लाल कर दी मेरी टांगेऔर मां ने सिन्ने यानी बिच्छू घास से लाल कर दी मेरी टांगे

और मां ने सिन्ने यानी बिच्छू घास से लाल कर दी मेरी टांगे

पहाड़ और मेरा जीवन – 30 मैं बचपन से ही थोड़ा बेपरवाह मगर बहुत स्वाभिमानी रहा हूं. बचपन में मैं…

6 years ago
मैं क्यों चलता था 15 किलो बोझ लादे बिजली के खंभे पर संतुलन बनातामैं क्यों चलता था 15 किलो बोझ लादे बिजली के खंभे पर संतुलन बनाता

मैं क्यों चलता था 15 किलो बोझ लादे बिजली के खंभे पर संतुलन बनाता

पहाड़ और मेरा जीवन –29 हमारे परिवार के जम्मू से ठूलीगाड़ आने की वजह पिताजी थे, जिन्होंने फौज में अफसर…

6 years ago