नैनीताल का इतिहास

पीटर बैरन ने 12 दिसम्बर 1842 को प्रथम बार किया नैनीताल में नौकायन

यूं तो कुमाऊँ में ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रवेश 8 मई 1815 को कुमाऊँ के कमिश्नर आफ रेवन्यू के रूप…

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नैनीताल का मालिकाना पर्सी बैरन के छल से अंग्रेजों ने नरसिंह थोकदार से हथियाया

सन 1842 में शिकार के शौक़ीन मि. पर्सी बैरन के द्वारा नैनीताल का पता लगा लेने तक यहां पर एक…

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आज से नब्बे साल पहले भी भारत में स्कूली शिक्षा का गढ़ था नैनीताल

1928 में नैनीताल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जे. एम. क्ले द्वारा एक किताब ‘नैनीताल: अ हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिपटिव अकाउंट’ प्रकाशित…

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अंग्रेजों ने अपने लिए माल रोड तो भारतीयों के लिए बनवाई ठंडी सड़क

1841 में पीटर बैरन द्वारा बसाये गए इस नैनीताल शहर (history of Nainital) में ठीक 146 साल और अपने स्कूल…

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