ज्ञानरंजन

ज्ञानरंजन की कहानी ‘छलांग’

श्रीमती ज्वेल जब यहाँ आकर बसीं तो लगा कि मैं, एकबारगी और एकतरफा, उनसे फँस गया हूँ और उन्हें छोड़…

3 years ago

ज्ञानरंजन की कहानी ‘पिता’

उसने अपने बिस्तरे का अंदाज लेने के लिए मात्र आध पल को बिजली जलाई. बिस्तरे फर्श पर बिछे हुए थे.…

3 years ago

नई कहानी के नए प्रेरक : शैलेश मटियानी और ज्ञानरंजन

इतने बड़े हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : तेरहवीं क़िस्त 1966 में नैनीताल से इलाहाबाद के लिए रवाना हुआ…

5 years ago

बयासी के हुए आज ज्ञानरंजन

आज हिन्दी की सबसे महत्वपूर्ण पत्रिका 'पहल' के यशस्वी सम्पादक और महान कथाकार ज्ञान जी का जन्मदिन है. आज ज्ञान…

5 years ago