खैरना

मेरा गांव मझेड़ा

लौह अयस्क से परिपूर्ण एक पहाड़ी और उसकी सीमा रेखा बनाती दो नदियाँ- खैरना और कोशी. एक उत्तरवाहिनी तो दूसरी…

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120 साल पहले ऐसे जाते थे काठगोदाम-नैनीताल से अल्मोड़ा

सी. डब्लू. मरफी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊँ’ (1906) से आप अनेक दिलचस्प विवरण पढ़ चुके हैं.…

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