उत्तराखण्ड

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 85कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 85

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 85

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 84कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 84

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 84

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 83कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 83

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 83

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago
पंतनगर के सन्नाटे में धांय-धांयपंतनगर के सन्नाटे में धांय-धांय

पंतनगर के सन्नाटे में धांय-धांय

कहो देबी, कथा कहो – 28 पिछली कड़ी: कहो देबी, कथा कहो – 27, आसमान टूट पड़ा क्या नहीं था…

6 years ago
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 82कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 82

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 82

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago
1842 से छप रहे हैं उत्तराखण्ड में अखबार1842 से छप रहे हैं उत्तराखण्ड में अखबार

1842 से छप रहे हैं उत्तराखण्ड में अखबार

उत्तराखंड में पत्रकारिता की शुरूआत -विनीता यशस्वी पहले अखबार उत्तराखंड के कुमाऊनी व गढ़वाली दोनों इलाकों में पत्रकारिता का इतिहास…

6 years ago
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 81कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 81

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 81

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago
देश में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है मकर संक्रान्ति का त्यौहारदेश में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है मकर संक्रान्ति का त्यौहार

देश में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है मकर संक्रान्ति का त्यौहार

मकर संक्रान्ति भारत और नेपाल के हिंदुओं द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में से एक है. मकर संक्रान्ति का…

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सरदार मान सिंह के रूप में सुन्दरलाल बहुगुणासरदार मान सिंह के रूप में सुन्दरलाल बहुगुणा

सरदार मान सिंह के रूप में सुन्दरलाल बहुगुणा

तीन बेटों और दो बेटियों के बाद 9 जनवरी 1927 को टिहरी रियासत के वन अधिकारी अम्बादत्त बहुगुणा के घर…

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हुड़के की गमक और हुड़किया बौलहुड़के की गमक और हुड़किया बौल

हुड़के की गमक और हुड़किया बौल

उत्तराखण्ड में लोकगीतों की लम्बी परम्परा रही है. यह हमारा दुर्भाग्य है कि इसे लिखित रूप में सहेज कर रखने…

6 years ago