अनूप शुक्ल

सूरज की मिस्ड काल – 9

उजाले के कमांडो आज सुबह जरा जल्दी जग गये. जल्दी मतलब पांच बजे. इत्ता जल्दी जगने पर समझ नहीं आया…

6 years ago

सूरज की मिस्ड काल – 8

धूप का चौकोर टुकड़ा सुबह का समय है. कमरे के बाहर बरामदे में धूप का चौकोर टुकड़ा अससाया सा लेटा…

6 years ago

सूरज की मिस्ड काल – 7

दुनिया की सब माँ ये एक सरीखी होती हैं आज इतवार के चलते अपन अलसाए से लेते रहे. कई बार…

6 years ago

सूरज की मिस्ड काल – 6

सूरज भाई गुलगपाड़ा सुनकर गर्मा गये आज सुबह जरा जल्दी जग गये. सूरज भाई का इन्तजार करते उधर देखते रहे…

6 years ago

सूरज की मिस्ड काल – 5

दुआओं के एंटीबॉयटिक का फ़ौरन असर होता है सूरज भाई पेड़ की फ़ुनगियों से झांक रहे हैं. पीटी मास्टर सरीखे…

6 years ago

सूरज की मिस्ड काल – 4

धूप अलसाई सी लेटी है सुबह दरवाजा खोलते ही धूप दिखी. एकदम दरवज्जे तक आकर ठहरी हुयी सी. जैसे सूदूर…

6 years ago