हल्द्वानी का इतिहास

हल्द्वानी की सबसे पुरानी संगीत संस्था ‘संगीत कला केंद्र’ की स्थापना हुई 1957 में

कुमाऊँ का प्रवेश द्वार हल्द्वानी व्यावसायिक नगर के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भी अग्रणी रहा है. शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र…

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धनी शौका महिला जसुली शौक्याणी ने उत्तराखण्ड में कई धर्मशालाएं बनवाई

रानीबाग यहां का एक पवित्र स्थान माना जाता है यहां एक पुराना चित्रेश्वर शिवालय के नाम से मंदिर है इस…

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लियाकत और रियासत मिस्त्री ने की थी हनुमानगढ़ी मंदिर की चिनाई

बाबा नीम करोली महाराज को लेकर भी श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा रही है अपने बचपन को याद करते हुए डॉ.…

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उत्तराखंड की प्रमुख मंडी हल्द्वानी के आबाद होने की कहानी

पहाड़ की प्रमुख मंडी हल्द्वानी के आबाद होने की कहानी बहुत रोचक है. इसका वर्तमान चाहे कितना ही स्वार्थी हो…

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सुल्ताना डाकू के छोड़े हुए रुपयों से खरीदी गयी हल्द्वानी के एम. बी. स्कूल की जमीन

काठगोदाम व रानीबाग के बीच ऊँची पहाड़ी पर शीतला देवी का मंदिर है. अब यहाँ चहल-पहल बढ़ गयी है लेकिन…

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कहते हैं कि हल्द्वानी के इस गांव में कई लोगों को हल चलाते हुए अशर्फियां मिली

गौला पार में कालीचौड़ का मंदिर भी पुरातत्विक महत्त्व का है किन्तु इस सम्बन्ध में अभी तक खोज नहीं की…

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हल्द्वानी का एक होटल जहां वैजयंती माला, दिलीप कुमार और जॉनी वॉकर एक साथ रहे

1960 से पहले यहाँ यात्रियों, पर्यटकों के टिकने के लिए विशेष होटलों कि व्यवस्था नहीं थी. तेवाड़ी होटल, जगदीश होटल,…

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तब खम्पा लोग रहा करते थे हल्द्वानी के आवास विकास में

हल्द्वानी शहर के निकट कई अन्य बस्तियां भी हुआ करती थीं. जो अब विकसित हो गई हैं. गोरा पड़ाव में…

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हल्द्वानी और उत्तराखंड की राजनीति के कुछ पुराने पन्ने

राजनीति के क्षेत्र में हल्द्वानी क्षेत्र की एक ऐसी महिला का जिक्र करना आवश्यक हो जाता है जो एक साधारण…

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उत्तराखण्ड में दलित आन्दोलन के नायक खुशीराम शिल्पकार और भूमित्र आर्य

एक थे चरणजीत शर्मा. मूल रूप से वे हरियाणा के रहने वाले थे लेकिन एक अर्से से वे यहीं के…

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